Learn Istikhara Ki Dua In Arabic, Hindi, Roman English. इस्लाम में जब किसी इंसान को किसी काम के बारे में कोई शंका या उलझन हो और वो यह तय नहीं कर पा रहा हो कि उसे क्या करना चाहिए, तो ऐसे समय में अल्लाह से रहनुमाई हासिल करने के लिए ‘इस्तिखारा’ किया जाता है। इस्तिखारा का मतलब है अल्लाह से बेहतरीन फैसले की दुआ करना।
इस्तिखारा की अहमियत
इस्तिखारा का मकसद यह है कि अल्लाह से अपने फैसले में मदद मांगी जाए और अल्लाह से यह दरख्वास्त की जाए कि अगर वो काम हमारे लिए भलाई वाला हो, तो उसे आसान कर दे, और अगर उसमें नुकसान हो, तो हमें उससे दूर कर दे। ये एक ऐसा तरीका है जिससे इंसान अपने दिल और दिमाग को हल्का करता है और अल्लाह की मर्ज़ी पर भरोसा करता है।
Istikhara Ki Dua In Arabic
اللَّهُمَّ إِنِّي أَسْتَخِيرُكَ بِعِلْمِكَ وَأَسْتَقْدِرُكَ بِقُدْرَتِكَ، وَأَسْأَلُكَ مِنْ فَضْلِكَ العَظِيمِ، فَإِنَّكَ تَقْدِرُ وَلاَ أَقْدِرُ، وَتَعْلَمُ وَلاَ أَعْلَمُ، وَأَنْتَ عَلَّامُ الغُيُوبِ، اللَّهُمَّ إِنْ كُنْتَ تَعْلَمُ أَنَّ هَذَا الأَمْرَ خَيْرٌ لِي فِي دِينِي وَمَعَاشِي وَعَاقِبَةِ أَمْرِي – أَوْ قَالَ عَاجِلِ أَمْرِي وَآجِلِهِ – فَاقْدُرْهُ لِي وَيَسِّرْهُ لِي، ثُمَّ بَارِكْ لِي فِيهِ، وَإِنْ كُنْتَ تَعْلَمُ أَنَّ هَذَا الأَمْرَ شَرٌّ لِي فِي دِينِي وَمَعَاشِي وَعَاقِبَةِ أَمْرِي – أَوْ قَالَ فِي عَاجِلِ أَمْرِي وَآجِلِهِ – فَاصْرِفْهُ عَنِّي وَاصْرِفْنِي عَنْهُ، وَاقْدُرْ لِي الخَيْرَ حَيْثُ كَانَ، ثُمَّ أَرْضِنِي.
Istikhara Ki Dua In Hindi
अल्लाहुम्मा इन्नी अस्ताखीरुका बील्मिकाव असतक्दीरुका बिक़ुदरतिका व असअलुका मिन फ़ज़्लिकल अज़ीम फइन्नका तक्दिरू वाला अक़्दिरु व तअलमु वला अअलमु वअंता अल्लामुल गुयूबी, अल्लाहुम्मा इन कुंता तलमु अन्ना हाज़ल अमरा खैरुन ली फी दिनी व मआशी व आक़िबति अमरि फ़क़दिरहु ली व यस्सिरहू ली सुम्मा बारिक ली फिही, व इन कुंता तअलमु अन्नाहाज़ल अमर शर्रून ली फि दीनी व मआशी व आक़िबति अमरी औ काला आजिलि अमरी फसृफ्हू अन्नी वसरिफ्नी अन्हु वक्दुर ली अल-खैरा हैसु कान, सुम्मा अररिज़ज़नी।
Istikhara Ki Dua In Roman English
Allahumma inni astakdiruka bikudratika wa asaluka min fazlikal finnka taqdiru wala aqdiru wa taalmu wala aalamu waanta allamul guyubi, allahumma inn kunta talamu anna hazal amra khairun li fee dini wa maashi wa aqibti amri faqdirhu li wa yassirhu li fihi, and In Kunta Ta’alamu Annahaazal Amar Sharroon Li Fi Deeni Wa Maashi Wa Aqibti Amri Au Kala Ajili Amri Fasrifhu Anni Wasrifni Anhu Waqdur Li Al-Khaira Haisu Kan, Summa Arrizani.
Istikhara Ki Dua In Hindi Trajuma
हे अल्लाह, मैं आपके बेइंतिहा इल्म के जरिए बेहतरी माँगता हूं, और मैं आपसे आपकी कुदरत के जरिए से शक्ति माँगता हूं, और मैं आपका असीम फजलो करम माँगता हूं। क्योंकि आप पूरी तरह काबील हैं, जबकि मैं नहीं। आप सबकुछ जानते हैं, और मैं नहीं, और आप सब कुछ जानते हैं जो अनदेखी है। हे अल्लाह, अगर आप जानते हैं कि यह फेसला मेरे मजहब, मेरी दूनीया और आखीरत के नतीजे के लिए अच्छा है, तो इसे पूरा करें, इसे मेरे लीए आसान करें और मेरा इसके जरिए भला करें। लेकिन अगर आप जानते हैं कि मेरे मजहब, मेरी दूनीया और आखीरत के नतीजे पर इसका बुरा असर है, तो इस फैसले को मूझसे फिरा दीजिये और मुझे इससे दूर कर दीजिये, और [इसके बजाय] मूझे कूछ बेहतर दीजिये, वो चाहे जो भी हो, उसके जरिए मूझे इत्मीनान दीजिये।
Istikhara Ki Dua In English
O Allah, I ask for goodness through Your infinite knowledge, and I ask for power from You through Your nature, and I ask for Your infinite bounty. Because you are completely capable, while I am not. You know everything, and I don’t, and you know everything that is unseen. O Allah, if you know that this decision is good for my religion, my world and the outcome of the Hereafter, then complete it, make it easy for me and do good to me through it. But if you know that it has a bad effect on my religion, my worldly life and the outcome of the Hereafter, then turn away this decision from me and turn me away from it, and [instead] give me something better, whatever it may be. , give me peace through that.
इस्तिखारा करने का तरीका
- सबसे पहले दो रकात नफ्ल नमाज़ पढ़ें।
- उसके बाद ऊपर दी गई इस्तिखारा की दुआ पढ़ें।
- अगर आप कोई खास काम कर रहे हैं, तो दुआ के बीच में “हाज़ा अल-अम्र” की जगह उस काम का जिक्र करें जिसे आप करने का इरादा रखते हैं।
- दुआ करने के बाद अल्लाह से दिल में रहनुमाई की उम्मीद रखें और अपने फैसले को अल्लाह पर छोड़ दें।
इस्तिखारा करने के बाद अल्लाह तआला किसी इंसान को ख्वाब के ज़रिये या दिल की सुकून से उसके फैसले में मदद करता है। अगर आपको इस्तिखारा के बाद दिल में सुकून और भलाई का एहसास हो, तो वह काम करना बेहतर हो सकता है। अगर दिल में बेचैनी हो, तो उस काम से रुकना मुनासिब है।
नोट: इस्तिखारा सिर्फ़ एक तरीका है अल्लाह से मदद मांगने का, लेकिन साथ ही यह जरूरी है कि हम तर्क और समझ से भी काम लें।
इस्तिखारा की दुआ हर मुसलमान के लिए एक बड़ा तोहफा है, जो उसे जिंदगी के फैसलों में रहनुमाई देती है और उसे अल्लाह की मर्जी के मुताबिक चलने की हिम्मत देती है। मेरे प्यारे इस्लामी भाई बहनो, आज हमने इस्तिखारा तर्जुमे के साथ सीखा, अगर आपको ये पोस्ट से कुछ सिखने को मिला है, तो आप इससे दूसरों को शेयर कर सवाब के हकदार बने.