इंसान गलती और गुनाह करने वाला है। लेकिन अल्लाह तआला ने अपनी रहमत और मग़फिरत (माफी) के दरवाज़े हमेशा बंदों के लिए खुले रखे हैं। इंसान जब सच्चे दिल से तौबा करता है और माफी मांगता है, तो अल्लाह तआला उसकी दुआ को जरूर सुनता है। Dua for Forgiveness – Rabbana Zalamna Anfusana
कुरआन करीम में ऐसी कई दुआएँ मौजूद हैं जो गुनाहों की माफी और अल्लाह की रहमत हासिल करने का जरिया हैं। उनमें से सबसे अहम दुआ है: “रब्बना ज़लमना अन्फुसना”। यह दुआ हज़रत आदम (अलैहिस्सलाम) और उम्मुल बशर हज़रत हव्वा (अलैहा सलाम) ने अपनी गलती पर तौबा करते हुए पढ़ी थी।

Table of contents
- Dua for Forgiveness in Arabic
- Dua for Forgiveness in Hindi
- Dua for Forgiveness Tarjuma in Hindi
- Dua for Forgiveness in Roman English
- Dua for Forgiveness in English
- Importance of This Dua in Islam | इस दुआ की अहमियत
- When & How to Recite This Dua | कब और कैसे पढ़ें यह दुआ
- Benefits of Reciting This Dua | इस दुआ के फायदे
Dua for Forgiveness in Arabic
رَبَّنَا ظَلَمْنَا أَنفُسَنَا ۖ وَإِن لَّمْ تَغْفِرْ لَنَا وَتَرْحَمْنَا لَنَكُونَنَّ مِنَ الْخَاسِرِينَ
(Surah Al-A’raf 7:23)
Dua for Forgiveness in Hindi
रब्बना ज़लमना अन्फुसना वा इन लम तग़फिर लना वा तरहंना लनकूनन्ना मिनल ख़ासिरीन
Dua for Forgiveness Tarjuma in Hindi
ऐ हमारे रब! हमने अपनी जानों पर जुल्म किया है। अगर तू हमें माफ़ न करेगा और हम पर रहमत न फरमाएगा तो हम ज़रूर घाटा उठाने वालों में से हो जाएँगे।
Dua for Forgiveness in Roman English
Rabbana Zalamna Anfusana Wa In Lam Taghfir Lana Wa Tarhamna Lanakoonanna Minal Khasireen.
Dua for Forgiveness in English
Our Lord! We have wronged ourselves. If You do not forgive us and have mercy upon us, we will surely be among the losers.
Importance of This Dua in Islam | इस दुआ की अहमियत
- यह दुआ सीधा कुरआन शरीफ (सूरह अल-आराफ़ 7:23) में मौजूद है।
- यह इंसान को तौबा और माफी मांगने का असल तरीका सिखाती है।
- यह दुआ इंसान में अल्लाह के सामने आज़िज़ी और इंक्सार (नम्रता और विनम्रता) पैदा करती है।
- हज़रत आदम (अ.स.) ने यह दुआ पढ़कर इंसानियत के लिए एक मिसाल कायम की।
When & How to Recite This Dua | कब और कैसे पढ़ें यह दुआ
- गुनाह या गलती करने के बाद फौरन।
- नमाज़ (सजदे) में तौबा करते हुए।
- रात को सोने से पहले दिल की सफाई और माफी के लिए।
- जब भी दिल में ग़लती या कमजोरी का एहसास हो।
Benefits of Reciting This Dua | इस दुआ के फायदे
- अल्लाह गुनाहों को माफ़ करता है और रहमत नाज़िल करता है।
- अल्लाह और बंदे के रिश्ते को मजबूत करता है।
- दिल को सुकून और इत्मिनान मिलता है।
- इंसान को नर्मी और अपने गुनाहों का एहसास दिलाता है।
- दुनिया और आख़िरत दोनों में कामयाबी की राह आसान होती है।
“रब्बना ज़लमना अन्फुसना” इंसान की कमजोरी और अल्लाह की रहमत की निशानी है। यह दुआ हमें याद दिलाती है कि गुनाह चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो, अल्लाह की रहमत हमेशा बड़ी है। अगर हम सच्चे दिल से यह दुआ पढ़ें, तो अल्लाह तआला हमारी तौबा को कबूल करता है और हमें माफी और बरकत से नवाज़ता है।