Surah Al-Fatihah is the first Surah of Quran. Surah Al-Fatihah means “The Opener/The Key”. Read Surah Al Fatiha in Hindi, Arabic, English with Tarjuma. सूरह अल-फ़ातिहा (سورة الفاتحة) कुरान मजीद की पहली सूरह है और इसे कुरान का ‘मुकद्दमा’ (प्रस्तावना) भी कहा जाता है। यह मक्की सूरह है और इसमें कुल 7 आयतें हैं। इसे ‘उम्म-उल-किताब’ (किताब की माँ) भी कहा जाता है क्योंकि यह संपूर्ण कुरान का सारांश प्रस्तुत करती है। सूरह फातिहा को इस्लाम में विशेष महत्व दिया गया है, क्योंकि यह हर नमाज़ (सलात) में पढ़ी जाती है और इसे दुआ और इबादत का सबसे अहम हिस्सा माना गया है। इसके साथ ही, यह सूरह अल्लाह की महानता, रहमत, और इंसान की जरूरतों को बयान करती है।
Surah Fatiha Verses | Surah Fatiha Words | Surah Fatiha letters | Surah Fatiha Rukus |
7 | 27 | 122 | 1 |
Surah Fatiha in Arabic
بِسۡمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحۡمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ
ٱلۡحَمۡدُ لِلَّهِ رَبِّ ٱلۡعَٰلَمِينَ
ٱلرَّحۡمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ
مَٰلِكِ يَوۡمِ ٱلدِّينِ
ٱهۡدِنَا ٱلصِّرَٰطَ ٱلۡمُسۡتَقِيمَ
صِرَٰطَ ٱلَّذِينَ أَنۡعَمۡتَ عَلَيۡهِمۡ غَيۡرِ ٱلۡمَغۡضُوبِ عَلَيۡهِمۡ وَلَا ٱلضَّآلِّينَ
Surah Fatiha in Hindi
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन
अर रहमा निर रहीम
मालिकि यौमिद्दीन
इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन
इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम
सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम
गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन (अमीन)
Surah Fatiha in English
Bismilla Hirrahma Nir Raheem
Alhamdulillahi Rabbil Aalameen
Arrahmanir Raheem
Maliki Yaumiddeen
Iyyaka Nabudu Waiyyakanastain
Ihdinassiratal Mustaqeem
Siratallazina Anamta Alaihim
Ghairil Maghdubi Alaihim Waladdalleen (Ameen)
Surah Fatiha Translation(Tarjuma) in Hindi
अल्लाह के नाम से जो बहुत बड़ा मेहरबान व निहायत रहम वाला है।
तमाम तारीफें उस अल्लाह ही के लिये है जो तमाम क़ायनात का
जो रहमान और रहीम है।
जो सजा के दिन का मालिक है।
हम तेरी ही इबादत करते हैं, और तुझ ही से मदद चाहते हैं
हमें सीधा रास्ता दिखा।
उन लोगों का रास्ता जिन पर तूने इनाम फ़रमाया,
उन लोगों का रास्ता नहीं जिन पर तेरा गजब नाजिल हुआ और ना उन लोगो का जो राहे हक़ से भटके हुए है
Surah Fatiha in English
In the name of Allah, the Entirely Merciful, the Especially Merciful.
All praise is due to Allah, Lord of the worlds
The Entirely Merciful, the Especially Merciful,
Sovereign of the Day of Recompense.
It is You we worship and You we ask for help.
Guide us to the straight path
The path of those upon whom You have bestowed favor, not of those who have evoked [Your] anger or of those who are astray.
सूरह फातिहा के फायदे और फज़ीलत
- दुआओं की कुबूलियत
- • सूरह फातिहा अल्लाह से दुआ मांगने का सबसे बेहतरीन तरीका है। इसे पढ़ने से अल्लाह इंसान की दुआओं को कुबूल करता है और उसकी ज़रूरतों को पूरा करता है।
- • नबी-ए-करीम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया, “सूरह फातिहा अल्लाह से की गई दुआ है, और जब कोई इसे पढ़ता है, तो अल्लाह उसकी दुआ सुनता है और जवाब देता है।” (सहीह मुस्लिम)
- शिफा देने वाली (इलाज का ज़रिया)
- • सूरह फातिहा को ‘अल-शिफा’ कहा जाता है, क्योंकि यह बीमारियों से शिफा पाने का एक बेहतरीन ज़रिया है। अगर किसी पर सूरह फातिहा का दम (फूँक) किया जाए, तो अल्लाह उसे शिफा देता है।
- • हदीस में आता है कि एक सहाबी ने सूरह फातिहा पढ़कर एक जहरखुरदा इंसान को शिफा दी थी, और नबी-ए-करीम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने इसकी तस्दीक की थी। (सहीह बुखारी)
- नमाज़ का अहम हिस्सा
- • सूरह फातिहा हर नमाज़ की रकअत में पढ़ी जाती है। बिना सूरह फातिहा के नमाज़ अधूरी मानी जाती है। हदीस में आता है कि “जिसने सूरह फातिहा नहीं पढ़ी, उसकी नमाज़ मुकम्मल नहीं होती।” (सहीह बुखारी)
- रिज़्क़ में बरकत
- • सूरह फातिहा पढ़ने से इंसान के रिज़्क़ (रोज़ी) में बरकत होती है। जो इंसान इसे ईमान और यक़ीन के साथ पढ़ता है, अल्लाह उसे रोज़ी में इज़ाफा और बरकत देता है।
- दिल को सुकून और रूहानी ताकत
- • सूरह फातिहा पढ़ने से दिल को सुकून मिलता है, और इंसान की रूहानी ताकत बढ़ती है। यह अल्लाह की महानता का इज़हार करती है और इंसान के दिल को अल्लाह के करीब लाती है।
- सीधा रास्ता दिखाने की दुआ
- • यह सूरह सीधा रास्ता दिखाने की दुआ है, जिसे अल्लाह से हर मुसलमान मांगता है। इंसान अल्लाह से सही हिदायत मांगता है ताकि वह उन लोगों के रास्ते पर चले जिन पर अल्लाह की रहमत है।
- • हदीस में कहा गया है, “सूरह फातिहा पढ़ने से अल्लाह इंसान को सीधे रास्ते की हिदायत देता है।” (तिरमिज़ी)
- गुनाहों की माफी
- • सूरह फातिहा पढ़ने से छोटे गुनाह माफ हो जाते हैं। इंसान अगर सच्चे दिल से इस सूरह का पाठ करता है, तो अल्लाह उसकी माफी को कुबूल करता है और उसे अपनी रहमत में लेता है।
- कयामत के दिन का हिफाज़ती ढाल
- • यह सूरह क़यामत के दिन इंसान के लिए हिफाज़ती ढाल बन सकती है, क्योंकि यह अल्लाह की तारीफ, रहमत और इंसाफ का इज़हार करती है। इसे पढ़ने से इंसान अल्लाह की रहमत में आ जाता है।
- हर तरह की परेशानियों से निजात
- • जो व्यक्ति सूरह फातिहा को नियमित रूप से पढ़ता है, उसे दुनियावी और रूहानी परेशानियों से निजात मिलती है। अल्लाह उसकी मुश्किलों को दूर करता है और उसे हर बला से महफूज़ रखता है।
- कुरान का सारांश
- • सूरह फातिहा को कुरान मजीद का सारांश माना जाता है। इसमें अल्लाह की तारीफ, उसकी रहमत, इंसान की जरूरतें, और सही हिदायत की दुआ शामिल हैं। यह कुरान की सबसे अहम और फज़ीलत वाली सूरहों में से एक है।