Surah Yaseen: In Hindi, Arabic, Roman English with Tarjuma

Surah Yaseen: In Hindi, Arabic, Roman English with Tarjuma

Surah Yasin(Yasin Sharif) in Hindi with Tarjuma

Surah Yaseen in Hindi

Surah Yaseen in Arabic

Surah Yaseen in Roman English

Surah Yaseen in English

सूरह यासीन के फायदे

  1. कुरआन का दिल
    • इस्लामी किताबों में सूरह यासीन को “क़ल्ब-उल-क़ुरआन” कहा गया है। हदीस शरीफ में आया है कि:
    • “हर चीज़ का एक दिल होता है, और कुरआन का दिल सूरह यासीन है। जो शख्स इसे पढ़ेगा, अल्लाह उसके गुनाह माफ कर देगा।” (तिर्मिज़ी, हदीस: 2887)
    • इस हदीस से पता चलता है कि सूरह यासीन पढ़ने से इंसान के गुनाह माफ होते हैं, और यह अल्लाह की रहमत और माफी का जरिया बनती है।
  2. मौत के वक्त की आसानी
    • हज़रत मुआज़ बिन जाबल (र.अ) से रवायत है कि रसूलुल्लाह (स.अ.व) ने फरमाया:
      • “अगर कोई इंसान मौत के करीब हो, तो उसके पास सूरह यासीन पढ़ी जाए, इससे उसकी मौत आसान हो जाती है।”(इब्न हिब्बान, हदीस: 720)
    • इस हदीस के मुताबिक, अगर किसी मरते हुए इंसान के पास सूरह यासीन पढ़ी जाए, तो अल्लाह उसकी रूह निकालने में आसानी फरमाता है।
  3. सारी परेशानियों का हल
    • सूरह यासीन को हर मुश्किल हल करने के लिए पढ़ा जा सकता है। इस्लामी किताबों में इसे हर मुश्किल और परेशानी से निजात पाने का एक बेहतरीन तरीका बताया गया है। रसूलुल्लाह (स.अ.व) ने फरमाया:
      • “जो सूरह यासीन को अल्लाह की रज़ा के लिए पढ़े, उसकी हर जरूरत पूरी कर दी जाती है।” (इब्न कसीर, तफ़सीर)
    • यह हदीस बताती है कि सूरह यासीन पढ़ने वाले इंसान की जरूरतें पूरी होती हैं, और उसकी परेशानियों का हल अल्लाह की तरफ से आता है।
  4. गुनाहों की माफी और सवाब का जरिया
    • हज़रत अनस (र.अ) से रवायत है कि रसूलुल्लाह (स.अ.व) ने फरमाया:
      • “जो शख्स रात में सूरह यासीन पढ़ता है, उसके सारे गुनाह माफ कर दिए जाते हैं।” (तिर्मिज़ी, हदीस: 2889)
    • यह हदीस बताती है कि सूरह यासीन का पढ़ना गुनाहों की माफी का एक बड़ा जरिया है, और इसका सवाब बहुत बड़ा है।
  5. अखिरत की तैयारी
    • सूरह यासीन पढ़ने से न केवल दुनियावी फायदें मिलते हैं, बल्कि यह आखिरत के लिए भी फायदेमंद है। रसूलुल्लाह (स.अ.व) ने फरमाया:
      • “सूरह यासीन को पढ़ा करो, क्योंकि यह आखिरत के दिन सिफारिश करने वाली बनेगी।” (इब्न माजा, हदीस: 1445)
    • इस हदीस से साफ जाहिर होता है कि सूरह यासीन कयामत के दिन इंसान के लिए सिफारिश करने वाली होगी और अल्लाह से रहमत का कारण बनेगी।
  6. दिल का सुकून
    • इस्लामी किताबों में यह भी जिक्र मिलता है कि सूरह यासीन को पढ़ने से दिल में सुकून और राहत मिलती है। अगर कोई इंसान किसी परेशानी में हो, तो उसे सूरह यासीन पढ़नी चाहिए, इससे उसका दिल हल्का होगा और उसे रूहानी सुकून महसूस होगा।
  7. बरकत और रहमत
    • सूरह यासीन को नियमित पढ़ने से घर और जिंदगी में बरकत आती है। इसे पढ़ने से अल्लाह की रहमत नाजिल होती है और इंसान की जिंदगी में कई रूहानी और दुनियावी फायदें होते हैं।

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