Surah Ar-Rahman in Hindi, Roman English with Tarjuma

सूराह अर-रहमान अल्लाह की एक कारामत्मक सूराह है जो हुजूर में नाजिल हुई है। यह सूराह जन्नत और इंसानों पर अल्लाह के अनेक अयसान की बात करती है। ‘अर-रहमान’ का अर्थ है “जो बहुत रहमती है।” इस सूराह में अल्लाह के इस खास सीफतों की ताकीद की गई गई है। आज हम Surah Ar-Rahman in Hindi, Roman English with Tarjuma के सीखेंगे और इंशाअल्लाह अल्लाह से दुआ करते हैं की इसे समझने की तौफीक अता करे।

Surah Ar Rahman
फ़बिअय्यि आलाअइ रब्बिकुमा तुकज्जिबान?
(तुम अपने रब की कौन-कौन सी नेमतों को झुठलाओगे?)

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Surah Ar-Rahman in Hindi, Roman English with Tarjuma

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह के नाम से शुरू करता हूँ जो बहुत मेहरबान रहमत वाला हैं)

(1) 
अर रहमान
Ar Rahmaan
(वही बेहद महेरबान खुदा है)

(2) 
अल लमल कुरआन
‘Allamal Quran
(जिसने कुरान की तालीम दी)

(3) 
खलक़ल इंसान
Khalaqal insaan
(उसी ने इंसान को पैदा किया)

(4) 
अल लमहुल बयान
‘Allamahul Bayaan
(और उसको बोलना सिखाया)

(5) 
अश शम्सु वल कमरू बिहुस्बान 
Ashshamsu Walqamaru Bihusbaan
(सूरज और चाँद एक ख़ास हिसाब के पाबन्द हैं)

(6) 
वन नज्मु वश शजरू यस्जुदान
Wannajmu Washshajaru Yasjudan
(तारे और दरख़्त ( पेड़ ) सब सजदे में हैं)

(7) 
वस समाअ रफ़ाअहा व वदअल मीज़ान
Wassamaaa’a rafa’ahaa wa wada’al Meezan
(उसी ने आसमान को बलंद किया और तराज़ू क़ायम की)

(8) 
अल्ला ततगव फिल मीज़ान
Allaa Tatghaw Fil Meezaan
(ताकि तुम तौलने में कमी बेशी न करो)

(9)
व अक़ीमुल वज्ना बिल किस्ति वला तुख सिरुल मीज़ान
Wa Aqeemul Wazna Bilqisti Wa Laa Tukhsirul Meezaan
(इन्साफ के साथ ठीक ठीक तौलो और तौल में कमी न करो)

(10) 
वल अरदा वदअहा लिल अनाम
Wal Arda Wada’ahaa Lilanaam
(और ज़मीन को उसने मख्लूक़ के लिए बनाया है)

(11) 
फ़ीहा फाकिहतुव वन नख्लु ज़ातुल अक्माम
Feehaa Faakihatunw Wan Nakhlu Zaatul Akmaam
(जिसमें मेवे और खजूर के दरख़्त हैं, जिनके खोशों पर गिलाफ़ चढ़े हुए हैं)

(12) 
वल हब्बु जुल अस्फि वर रैहान
Walhabbu Zul ‘asfi War Raihaan
(और जिसमें भूसे वाला अनाज और ख़ुशबूदार फूल होता है)

(13) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(14) 
खलक़ल इन्सान मिन सल सालिन कल फख्खार
Khalaqal Insaana Min Salsaalin Kalfakhkhaar 
(उसने इंसान को ठीकरे जैसी खनखनाती हुई मिट्टी से पैदा किया)

(15) 
व खलक़ल जान्ना मिम मारिजिम मिन नार
Wa Khalaqal Jaaan Mim Maarijim Min Naar
(और जिन्नात को आग के शोले से पैदा फ़रमाया है)

(16) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(17) 
रब्बुल मश रिकैनि व रब्बुल मगरिबैन
Rabbul Mashriqayni Wa Rabbul Maghribayn
(वही दोनों मशरिकों और दोनों मगरिबों का भी रब है)

(18) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(19) 
मरजल बह रैनि यल तकियान
Marajal Bahrayni Yalta Qiyaan
(उसने दो ऐसे समंदर जारी किये, जो आपस में मिलते हैं)

(20) 
बैनहुमा बरज़खुल ला यब गियान
Bainahumaa Barzakhul Laa Yabghiyaan
(लेकिन उन दोनों के दरमियान एक रुकावट है कि दोनों एक दुसरे की तरफ़ बढ़ नहीं सकते)

(21) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(22) 
यख रुजु मिन्हुमल लुअ लूऊ वल मरजान
Yakhruju Minhumal Lu ‘lu U Wal Marjaan
(उन दोनों से बड़े बड़े और छोटे छोटे मोती निकलते हैं)

(23) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(24) 
वलहुल जवारिल मून शआतु फिल बहरि कल अअ’लाम
Wa Lahul Jawaaril Mun Sha’aatu Fil Bahri Kal A’laam
(और उसी के कब्जे में रवां दवा वो जहाज़ हैं जो समंदर में पहाड़ों की तरह ऊंचे खड़े हैं)

(25) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(26) 
कुल्लू मन अलैहा फान
Kullu Man ‘alaihaa Faan
(जो कुछ भी ज़मीन पर है सब फ़ना होने (मिटने) वाला है)

(27) 
व यब्का वज्हु रब्बिका जुल जलालि वल इकराम
Wa Yabqaa Wajhu Rabbika Zul Jalaali Wal Ikraam
(और सिर्फ़ आप के रब की ज़ात बाक़ी रहेगी जो बड़ी इज्ज़त व करम व करम वाली होगी)

(28) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(29) 
यस अलुहू मन फिस समावाति वल अरज़ि कुल्ला यौमिन हुवा फ़ी शअन
Yas’aluhoo Man Fissamaawaati Walard; Kulla Yawmin Huwa Fee Shaan 
(आसमानों ज़मीन में जो लोग भी हैं, वो सब उसी से मांगते हैं हर रोज़ उस की एक शान है)

(30) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(31) 
सनफ रुगु लकुम अय्युहस सक़लान
Sanafrughu Lakum Ayyuhas Saqalaan
(ए इंसान और जिन्नात ! अनक़रीब हम तुम्हारे हिसाबो किताब के लिए फारिग़ हो जायेंगे)

(32) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(33) 
या मअशरल जिन्नि वल इन्सि इनिस त तअतुम अन तन्फुजु मिन अक तारिस सामावती वल अरज़ि फनफुजू ला तन्फुजूना इल्ला बिसुल तान
Yaa Ma’sharal Jinni Wal Insi Inis Tata’tum An Tanfuzoo Min Aqtaaris Samaawaati Wal Ardi Fanfuzoo; Laa Tanfuzoona Illaa Bisultaan
(ए इंसानों और जिन्नातों की जमात ! अगर तुम आसमान और ज़मीन की हदों से निकल भाग सकते हो तो निकल भागो मगर तुम बगैर ज़बरदस्त कुव्वत के नहीं निकल सकते)

(34) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(35) 
युरसलू अलैकुमा शुवाज़ुम मिन नारिव व नुहासून फला तन तसिरान
Yursalu ‘alaikumaa Shuwaazum Min Naarinw-wa Nuhaasun Falaa Tantasiraan
(तुम पर आग के शोले और धुवां छोड़ा जायेगा फिर तुम मुकाबला नहीं कर सकोगे)

(36) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(37) 
फ़इजन शक़ क़तिस समाउ फकानत वर दतन कद दिहान
Fa-izan Shaqqatis Samaaa’u Fakaanat Wardatan Kaddihaan
(फिर जब आसमान फट पड़ेगा और तेल की तिलछट की तरह गुलाबी हो जायेगा)

(38) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(39) 
फयौम इज़िल ला युस अलु अन ज़मबिही इन्सुव वला जान
Fa-yawma’izil Laa Yus’alu ‘an Zambiheee Insunw Wa Laa Jaann
(फिर उस दिन न किसी इंसान से उस के गुनाह के बारे में पुछा जायेगा न किसी जिन से)

(40) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(41) 
युअ रफुल मुजरिमूना बिसीमाहुम फ़युअ खजु बिन नवासी वल अक़दाम
Yu’raful Mujrimoona Biseemaahum Fa’yu’khazu Binna Waasi Wal Aqdaam
(उस दिन गुनाहगार अपने चेहरे से ही पहचान लिए जायेंगे, फिर वो पेशानी के बालों और पांव से पकड़ लिए जायेंगे)

(42) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(43) 
हाज़िही जहन्नमुल लती युकज्ज़िबू बिहल मुजरिमून
Haazihee Jahannamul Latee Yukazzibu Bihal Mujrimoon
(यही वो जहन्नम है जिसको मुजरिम लोग झुटलाया करते थे)

(44) 
यतूफूना बैनहा व बैन हमीमिन आन
Yatoofoona Bainahaa Wa Baina Hameemim Aan
(वो दोज़ख़ और खौलते हुए पानी के दरमियान चक्कर लगायेंगे)

(45) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(46) 
व लिमन खाफ़ा मक़ामा रब्बिही जन नतान
Wa Liman Khaafa Maqaama Rabbihee Jannataan
(और जो अपने रब के सामने खड़े होने से डरता था उसके लिए दो जन्नते हैं)

(47) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(48) 
ज़वाता अफ्नान
Zawaataaa Afnaan
(दोनों बाग़ बहुत सी टहनियों वाले ( घने ) होंगे)

(49) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(50) 
फीहिमा ऐनानि तजरियान
Feehimaa ‘aynaani Tajriyaan
(दोनों में दो चश्मे बह रहे होंगे)

(51) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(52) 
फीहिमा मिन कुल्लि फकिहतिन ज़वजान
Feehimaa Min Kulli Faakihatin Zawjaan
(उन बाग़ों में हर मेवे दो दो किस्मों के होंगे)

(53) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(54) 
मुततकि ईना अला फुरुशिम बताईनुहा मिन इस्तबरक़ वजनल जन्नतैनी दान
Muttaki’eena ‘alaa Furushim Bataaa’inuhaa Min Istabraq; Wajanal Jannataini Daan
( जन्नती लोग ) ऐसे बिस्तरों पर आराम से तकिया लगाये होंगे जिन के अस्तर दबीज़ रेशम के होंगे और दोनों बाग़ों के फ़ल (क़रीब ही) झुके हुए होंगे)

(55) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(56) 
फ़ी हिन्ना कासिरातुत तरफि लम यतमिस हुन्ना इन्सून क़ब्लहुम वला जान
Feehinna Qaasiratut Tarfi Lam Yatmishunna Insun Qablahum Wa Laa Jaaann
(उन में नीची नज़र रखने वाली हूरें होंगी, जिन को उन से पहले न किसी इंसान ने हाथ लगाया होगा न किसी जिन ने)

(57) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(58) 
क अन्न हुन्नल याकूतु वल मरजान
Ka Annahunnal Yaaqootu Wal Marjaan
(वो हूरें ऐसी होंगी जैसे वो याकूत और मोती हों)

(59) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(60) 
हल जज़ा उल इहसानि इल्लल इहसान
Hal Jazaaa’ul Ihsaani Illal Ihsaan
(भला अहसान ( नेक अमल ) का बदला अहसान ( बेहतर अज्र ) के सिवा कुछ और भी हो सकता है)

(61) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(62) 
वमिन दूनिहिमा जन नतान
Wa Min Doonihimaa Jannataan
(और उन दो बाग़ों के अलावा दो और बाग़ भी होंगे)

(63) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(64) 
मुद हाम मतान
Mudhaaammataan
(जो दोनों गहरे सब्ज़ रंग के होंगे)

(65) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(66) 
फीहिमा ऐनानि नज्ज़ा खतान
Feehimaa ‘aynaani Nad Daakhataan
(उन दोनों बाग़ों में दो उबलते हुए चश्मे भी होंगे)

(67) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(68) 
फीहिमा फाकिहतुव व नख्लुव वरुम मान
Feehimaa Faakihatunw Wa Nakhlunw Wa Rummaan
(उन में मेवे, खजूर, और अनार होंगे)

(69) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(70) 
फिहिन्ना खैरातुन हिसान
Feehinna Khairaatun Hisaan
(उन में नेक सीरत ख़ूबसूरत औरतें भी होंगी)

(71) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(72) 
हूरुम मक्सूरातुन फिल खियाम
Hoorum Maqsooraatun Fil Khiyaam
(खेमों में महफूज़ गोरी रंगत वाली हूरें भी होंगी)

(73) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(74) 
लम यत मिस हुन्ना इन्सून क़ब्लहुम वला जान
Lam Yatmis Hunna Insun Qablahum Wa Laa Jaaann
(उन से पहले न किसी इंसान ने हाथ लगाया होगा न किसी जिन ने)

(75) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(76) 
मुत तकि ईना अला रफ़रफिन खुजरिव व अब्क़रिय यिन हिसान
Muttaki’eena ‘alaa Rafrafin Khudrinw Wa ‘abqariyyin Hisaan
( जन्नती लोग ) सब्ज़ तकियों और खूबसूरत कालीनों पर टेक लगाये होंगें)

(77) 
फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
Fabi Ayyi Aalaaa’i Rabbikumaa Tukazzibaan
(तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे)

(78) 
तबा रकस्मु रब्बिका ज़िल जलाली वल इकराम
Tabaarakasmu Rabbika Zil-jalaali Wal-ikraam
(आप के परवरदिगार, जो बड़े जलाल व अज़मत वाले हैं, उन का नाम बड़ा ही बा बरकत है)

Surah Ar Rahman मक्की 55 आयतों पर मुश्तमिल है। इस सूराह को दो भागों में बांटा गया है। कुछ आयते जिन्नों और कुछ आयते इंसानों के लिए हैं। सूराह अर-रहमान की तिलावात हमें जो सबको आल्लाह की रहमता, उसकी निमत्ता और उसकी दियी की याद देती है। यह हर मुस्लिमान को कोशिश करने की तलीन करती है।

Faq of Surah Ar Rahman

1. Surah Rahman In Which Para?

Ans. Surah Ar Rahman is in 27th Para of the Quran.

2. Surah Rahman Kitne Pare Mein Hai?

Ans. सूरह अर रहमान कुरान के 27वें पारे में है।

3. Where is Surah Raham in the Quran?

Asn. Surah Ar Rahman is in 27th Para, Chapter 55 in the Quran.

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