Ghar Se Nikalne Ki Dua: In Hindi, Arabic, English with Tarjuma. बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम, अस्सलामुअलैकुम वारहमतुल्लाहि वबरकातुह, मेरे प्यारे इस्लामी भाई बहनो, इस्लाम में हमारे जीवन के हर छोटे-बड़े कार्य के लिए अल्लाह की मदद और रहमत की तलाश की जाती है। जब भी कोई व्यक्ति घर से बाहर निकलता है, उसे अल्लाह से मदद मांगने और अपने कार्यों में सफलता की दुआ करनी चाहिए। इसके लिए खास तौर पर एक दुआ बताई गई है जिसे “घर से निकलने की दुआ” कहा जाता है।
मेरे प्यारे इस्लामी भाई बहनो, आज हम घर से निकलने की दुआ को तर्जुमा के साथ सीखीगे,और अल्लाह से दुआ करते हैं, हमें इसको याद करने की और समझने की तौफीक आता करे।
Ghar Se Nikalne Ki Dua In Arabic
بِسْمِ اللّٰہِ تَوَکَّلْتُ عَلَی اللّٰہِ لَاحَوْلَ وَلَاقُوَّةَ اِلَّابِاللّٰہِ
Ghar Se Nikalne Ki Dua in Hindi
बिस्मिल्लाह, तवक्कलतु ‘अलल्लाहि, ला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्लाह
Ghar Se Nikalne Ki Dua in Roman English
Bismillahi Tawakkaltu Alal lahi La Hawla Wala Quwwata Illa Billah
Ghar Se Nikalne Ki Dua Tarjuma in Hindi
मैं अल्लाह के नाम लेकर निकला मैंने अल्लाह पर भरोसा किया गुनाहों से बाज रहने और इबादत नेकी करने की ताकत अल्लाह ही की तरफ़ से है।
Ghar Se Nikalne Ki Dua in English
In the name of Allah, I place my trust in Allah, and there is no power and no strength except with Allah.
इस दुआ का महत्व
इस्लामी शिक्षाओं में, जब भी हम किसी काम के लिए घर से निकलते हैं, तो हमें इस दुआ को पढ़ने की हिदायत दी गई है। इसका मकसद यह है कि हम हर काम में अल्लाह पर भरोसा रखें और यह एहसास करें कि हमारे पास जो भी ताकत या सफलता है, वह केवल अल्लाह की मर्जी और उसकी मदद से ही है।
- अल्लाह पर भरोसा: इस दुआ को पढ़ते वक्त हमें इस बात का यकीन करना चाहिए कि जो भी हम करने जा रहे हैं, उसमें अल्लाह की मदद और उसकी रहमत शामिल है। हमें यह समझना चाहिए कि बिना अल्लाह की इजाजत और मदद के, हम कुछ नहीं कर सकते।
- शैतानी फितनों से हिफाज़त: जब हम घर से निकलते हैं, तो हमारे चारों तरफ शैतान के फितने होते हैं जो हमें गुमराह कर सकते हैं। यह दुआ हमें उन फितनों से महफूज़ रखती है और हमें सही रास्ते पर चलने की ताकत देती है।
- मन की शांति: यह दुआ हमारे दिल और दिमाग को सुकून देती है। हमें यह एहसास होता है कि अल्लाह हर वक्त हमारे साथ है और हमारी हिफाज़त कर रहा है।
नबी करीम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की हदीस
रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया: “जब कोई व्यक्ति घर से निकलते वक्त ये दुआ पढ़ता है, तो उसे बताया जाता है: ‘तुम्हें हिफाजत मिल गई, तुम्हें सच्चाई की राह मिल गई और शैतान तुमसे दूर हो गया।’
इस्लाम में दुआ की एक खास जगह है, क्योंकि यह अल्लाह से जुड़ने का ज़रिया है। “घर से निकलने की दुआ” हमें यह याद दिलाती है कि हमारे जीवन में हर चीज़ अल्लाह की मर्जी और उसकी ताकत से मुमकिन है। इसे रोज़मर्रा के जीवन में अपनाकर, हम अपनी इमान को मजबूत कर सकते हैं और अल्लाह की हिफाज़त में रह सकते हैं। मेरे प्यारे इस्लामी भाई बहनो, आज हमने घर से निकलने की दुआ को तर्जुमे के साथ सीखा, अगर आपको ये पोस्ट से कुछ सिखने को मिला है, तो आप इससे दूसरों को शेयर कर सवाब के हकदार बने.