सूरह मुजम्मिल ( Read Online Surah Muzammil Full PDF in Hindi, Arabic, English ) कुरआन मजीद की एक बहुत ही खूबसूरत सूरह है। सूरह मुजम्मिल कुरआन मजीद के 29वे पारे में मौजूद हैं। सूरह मुजम्मिल कुरआन मजीद की 73वी सूरह है। तों आप हज़रात सूरह मुजम्मिल तर्जुमा के साथ पढ़ें। सूरह मुजम्मिल (Surah Muzammil Benefits) कुरान की सबसे फायदेमंद सूरतों में से एक है ।
Surah Al Muzammil In Arabic
Surah Muzammil In Hindi
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
या अय्युहल मुज़ ज़ममिल
क़ुमिल लैला इल्ला क़लीला
निस्फहू अविन क़ुस मिन्हु क़लीला
अव्ज़िद अलैहि वरत तिलिल कुरआन तरतीला
इन्ना सनुल्की अलैका कौलन सक़ीला
इन्न नाशिअतल लैलि हिया अशद्दु वत अव वअक्वमु कीला
इन्ना लका फिन नहारि सबहन तवीला
वज कुरिस्मा रब्बिका व तबत तल इलैहि तब्तीला
रब्बुल मशरिकि वल मगरिबि ला इलाहा इल्ला हुवा फत तखिज्हू वकीला
वसबिर अला मा यकूलूना वह्जुर हुम हजरन जमीला
वज़रनी वल मुकज्ज़िबीना उलिन नअ,मति वमह हिल्हुम क़लीला
इन्ना लदैना अन्कालव वजहीमा
व तआमन ज़ा गुस्सतिव व अज़ाबन अलीमा
यौमा तरजुफुल अरजु वल जिबालु व कानतिल जिबालु कसीबम महीला
इन्ना अरसलना इलैकुम रसूलन शाहिदन अलैकुम कमा अरसलना इला फ़िरऔना रसूला
फ़असा फ़िरऔनुर रसूला फ़अख्ज्नाहू अख्ज़व वबीला
फ़कैफ़ा तत तकूना इन कफरतुम यौमय यजअलुल विल्दाना शीबा
अस समाउ मुन्फतिरुम बिह कान वअदुहू मफ़ऊला
इन्ना हाज़िही तज्किरह फ़मन शाअत तखज़ा इला रब्बिही सबीला
इन्ना रब्बका यअलमु अन्नका तकूमु अदना मिन सुलुसयिल लैलि व निस्फहू व सुलुसहू व ताइफतुम मिनल लज़ीना मअक वल्लाहु युक़द्दिरुल लैला वन नहार अलिमा अल लन तुह्सूहू फताबा अलैकुम फकरऊ मा तयस सरा मिनल कुरआन अलिमा अन सयकूनु मिन्कुम मरजा व आखरूना यजरिबूना फ़िल अरज़ि यब्तगूना मिन फजलिल लाहि व आख़रूना युकातिलूना फ़ी सबीलिल लाहि फकरऊ मा तयस सरा मिनहु व अक़ीमुस सलाता व आतुज़ ज़काता व अकरिजुल लाहा करजन हसना वमा तुक़ददिमू लि अन्फुसिकुम मिन खैरिन तजिदूहू इन्दल लाहि हुवा खैरव व अ’अज़मा अजरा वस ताग्फिरुल लाह इन्नल लाहा गफूरुर रहीम
Surah Muzammil In English
Bismillah Hir Rahman Nir Raheem
Ya aiyuhal muzzammil
Qumil laila illaa qaleelaa
Nisfahooo awinqus minhu qaleelaa
Aw zid ‘alaihi wa rattilil Qur’aana tarteela
Innaa sanulqee ‘alaika qawlan saqeelaa
Inna naashi’atal laili hiya ashadddu wat anw wa aqwamu qeelaa
Inna laka fin nahaari sabhan taweelaa
Wazkuris ma rabbika wa tabattal ilaihi tabteelaa
Rabbul mashriqi wal maghriibi laaa ilaaha illaa Huwa fattakhizhu wakeelaa
Wasbir ‘alaa maa yaqoo loona wahjurhum hajran jameelaa
Wa zarnee walmukaz zibeena ulin na’mati wa mahhilhum qaleelaa
Inna ladainaaa ankaalanw wa jaheemaa
Wa ta’aaman zaa ghussa tinw wa’azaaban aleemaa
Yawma tarjuful ardu waljibaalu wa kaanatil jibaalu kaseebam maheelaa
Innaa arsalnaaa ilaikum rasoolan shaahidan ‘aleykum kamaaa arsalnaaa ilaa Fir’awna rasoolaa
Fa’asaa Fir’awnur Rasoola fa akhaznaahu akhzanw wabeelaa
Fakaifa tattaqoona in kafartum yawmany yaj’alul wildaana sheeba
Assamaaa’u munfatirum bih; kaana wa’duhoo maf’oola
Inna haazihee tazkira; fa man shaaa’at takhaza ilaa Rabbihee sabeelaa
Inna Rabbaka ya’lamu annaka taqoomu adnaa min sulusa yil laili wa nisfahoo wa sulusahoo wa taaa’ifatum minal lazeena ma’ak; wal laahu yuqaddirul laila wanna haar; ‘alima al lan tuhsoohu fataaba ‘alaikum faqra’oo maa tayassara minal quraan; ‘alima an sa yakoonu minkum mardaa wa aakharoona yadriboona fil ardi yabtaghoona min fadlil laahi wa aakharoona yuqaatiloona fee sabeelil laahi faqra’oo ma tayassara minhu wa aqeemus salaata wa aatuz zakaata wa aqridul laaha qardan hasanaa; wa maa tuqaddimoo li anfusikum min khairin tajidoohu ‘indal laahi huwa khayranw wa a’zama ajraa; wastaghfirul laahaa innal laaha ghafoorur raheem.
Surah Muzammil In Hindi Tarjuma
ए चादर ओढने वाले !
कुछ हिस्से को छोड़ कर रात में नमाज़ पढ़ा कीजिये
यानि आधी रात या उस से कुछ कम
या आधी से कुछ ज़्यादा, और ठहर ठहर कर क़ुरान पढ़िए
अनक़रीब हम आप पर एक भारी फरमान उतारेंगे
यक़ीनन रात के वक़्त उठना ही ऐसा अमल है जिस से नफ्स को अच्छी तरह कुचला जाता है और बात भी बेहतर तरीके पर कही जाती है
और दिन में तो आप बहुत सारा काम करते हो
और अपने परवरदिगार का नाम लेते रहिये और सब से बे ताल्लुक़ होकर उसी की तरफ़ मुतवज्जह हो जाइए
वही मशरिक़ व मगरिब का मालिक है, उस के सिवा कोई माबूद नहीं इसलिए आप इसी को कारसाज़ बनाइये
और ये लोग जो कुछ कहते हैं, उस पर सब्र कीजिये और ख़ूबसूरती के साथ उन से अलग हो जाइये
और तुम्हें झुटलाने वाले जो ऐशो इशरत में पड़े हुए हैं उन का मामला मुझ पर छोड़ दो और उन्हें थोड़े दिन और मोहलत दो
यक़ीनन हमारे पास सख्त बेड़ियाँ हैं, और दहकती हुई आग है
और गले में अटक जाने वाला खाना और दर्दनाक अज़ाब भी
उस दिन ज़मीन और पहाड़ कांपने लगेंगे और पहाड़ रेत के टीले हो जायेंगे
हम ने तुम्हारे तरफ एक ऐसे रसूल को भेजा है जो तुम पर गवाही देंगे जैसा कि हम ने फिरऔन की तरफ़ पैग़म्बर भेजा था
फिर फिरऔन ने पैगमबर का कहा न माना तो हम ने उसे सख्ती से पकड़ की
तो अगर तुम कुफ्र करते रहोगे तो उस दिन से कैसे बचोगे जो बच्चों को बूढ़ा कर देगा
उस दिन आसमान फट जायेगा और उस का वादा पूरा होकर रहेगा
ये तो एक नसीहत है, तो जो चाहे अपने परवरदिगार की तरफ रास्ता बना ले
आप के परवरदिगार खूब जानते हैं कि आप और जो लोग आप के साथ हैं, उन में से कुछ लोग दो तिहाई रात के क़रीब और ( कभी ) आधी रात और ( कभी ) तिहाई रात अल्लाह के करीब खड़े रहते हैं और अल्लाह ही रात और दिन की तादाद मुक़र्रर करते हैं
अल्लाह तआला ने जान लिया कि तुम उसको निबाह न सकोगे इसलिए उस ने तुम पर मेहरबानी की, लिहाज़ा जितना क़ुरआन आसानी से पढ़ सको, पढ़ लिया करो, अल्लाह को मालूम है कि तुम में से बीमार भी होंगे, और कुछ तलाश व मआश के लिए ज़मीन में सफ़र भी करेंगे, कुछ और लोग अल्लाह के रस्ते में जिहाद करेंगे इसलिए जितना आसानी से हो सके, पढ़ लो, नमाज़ की पाबन्दी करो, ज़कात देते रहो, अल्लाह को अच्छी तरह क़र्ज़ दो, (यानि इखलास के साथ नेकी के रस्ते में ख़र्च करो ) और तुम अपने लिए जो नेक अमल आगे भेजोगे, उसको अल्लाह के पास ज़्यादाबेहतर और ज़्यादा सवाब वाला पाओगे, और अल्लाह से मगफिरत तलब करते रहो, यक़ीनन अल्लाह बड़े बख्शने वाले और बड़े महेरबान हैं
Surah Muzammil Benefits (Fazilat)
सूरह मुजम्मिल (Surah Muzammil) कुरान के सबसे फायदेमंद सूरतों में से एक है । सूरह मुजम्मिल को याद करने और रोजाना इसकी तिलावत करने के बहुत से फायदे हैं । इमाम जाफर सादिक (अ.स) ने सूरह मुजम्मिल (Surah Muzammil Benefits) की पांच बड़ी फजीलतों को बयान किया है :-
- जो शख्स सूरह मुजम्मिल (Surah Muzammil) को पूरी लगन और दिल से तिलावत करेगा उसे हजरत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) की जियारत नसीब होगी ।
- उन्होंने यह भी कहा है कि जो शख्स सूरह मुजम्मिल (Surah Muzammil) की तिलावत रोजाना करता है वो शैतानी हरकतों से और किसी का गुलाम होने से महफूज़ रहेगा ।
- सूरह मुजम्मिल (Surah Muzammil) को जुमेरात (बृहस्पति) की रात को 100 बार पढ़ने से पढ़ने वाले के 100 बड़े गुनाह माफ कर दिए जाते हैं ।
- सूरह मुजम्मिल (Surah Muzammil) कठिन समय में अपने पढ़ने वाले की हिफाजत करता है और उसे सही रास्ता दिखाता है ।
- उन्होंने आगे लिखा है , कि लोगों की दुआओं का हमेशा जवाब दिया जाएगा , अगर वो रोजाना सूरह मुजम्मिल (Surah Muzammil) की तिलावत करता है तो ।
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