Surah Al Waqiah: In Arabic, Hindi, Roman English with Tarjuma PDF. सूरह वाक़िया कुरआन मजीद की 56वीं सूरह है, जिसका नाम ‘वाक़िया’ है, जिसका मतलब है ‘वाक़ेअ (घटना)’. इस सूरह का मुख्य विषय क़यामत और इंसानों के हालात पर आधारित है। यह सूरह मक्का में नाज़िल हुई और इसमें कुल 96 आयतें (वाक्य) हैं। इस सूरह में अल्लाह तआला ने क़यामत की सच्चाई और उसके नतीजों का ज़िक्र किया है। क़यामत के दिन इंसानों को तीन मुख्य समूहों में बांटा जाएगा – अल्लाह के करीब वाले, दाएं हाथ वाले (जिन्हें जन्नत मिलेगी), और बाएं हाथ वाले (जिन्हें सज़ा मिलेगी)।
Surah Waqiah Tarjuma in Hindi
بِسۡمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحۡمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ
Bismillaahir Rahmaanir Raheem
बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम
(١)
إِذَا وَقَعَتِ ٱلۡوَاقِعَةُ
Izaa waqa’atil waaqi’ah
इज़ा वक अतिल वाकिअह
उस वक़्त को याद करो जब क़यामत वाक़े हो जाएगी
(٢)
لَيۡسَ لِوَقۡعَتِهَا كَاذِبَةٌ
लैसा लिवक अतिहा काज़िबह
Laisa liwaq’atihaa kaazibah
जिस के वाक़े होने में कोई झूट नहीं
(٣)
خَافِضَةٞ رَّافِعَةٌ
खाफिज़तुर राफि अह
Khafidatur raafi’ah
किसी को नीचा करेगी और किसी को ऊंचा
(٤)
إِذَا رُجَّتِ ٱلۡأَرۡضُ رَجّٗا
इज़ा रुज्जतिल अरजु रज्जा
Izaa rujjatil ardu rajjaa
जब ज़मीन हिला कर रख दी जाएगी
(٥)
وَبُسَّتِ ٱلۡجِبَالُ بَسّٗا
व बुस्सतिल जिबालु बस्सा
Wa bussatil jibaalu bassaa
और पहाड़ पीस कर रख दिए जायेंगे
(٦)
فَكَانَتۡ هَبَآءٗ مُّنۢبَثّٗا
6- फकानत हबा अम मुम्बस्सा
Fakaanat habaaa’am mumbassaa
तो वो उड़ता हुआ गुबार बन जायेंगे
(٧)
وَكُنتُمۡ أَزۡوَٰجٗا ثَلَٰثَةٗ
7- व कुन्तुम अजवाजन सलासह
Wa kuntum azwaajan salaasah
और तुम तीन किस्मों में बंट जाओगे
(٨)
فَأَصۡحَٰبُ ٱلۡمَيۡمَنَةِ مَآ أَصۡحَٰبُ ٱلۡمَيۡمَنَةِ
8- फ अस्हाबुल मय्मनति मा अस्हाबुल मय्मनह
Fa as haabul maimanati maaa as haabul maimanah
( एक ) तो दाहिनी तरफ़ वाले, क्या कहने दाहिनी तरफ़ वालों के
(٩)
وَأَصۡحَٰبُ ٱلۡمَشۡـَٔمَةِ مَآ أَصۡحَٰبُ ٱلۡمَشۡـَٔمَةِ
9- व अस्हाबुल मश अमति मा अस्हाबुल मश अमह
Wa as haabul mash’amati maaa as haabul mash’amah
( दुसरे ) बायीं तरफ़ वाले, बायीं तरफ़ वाले कैसे बुरे हाल में होंगे
(١٠)
وَٱلسَّـٰبِقُونَ ٱلسَّـٰبِقُونَ
10- वस साबिकूनस साबिकून
Wassaabiqoonas saabiqoon
( तीसरे ) आगे बढ़ जाने वाले, ( उन का क्या कहना ) वो तो आगे बढ़ जाने वाले हैं
(١١)
أُوْلَـٰٓئِكَ ٱلۡمُقَرَّبُونَ
11- उला इकल मुक़र्रबून
Ulaaa’ikal muqarraboon
यही हैं जिनको अल्लाह से ख़ुसूसी नज़दीकी हासिल होगी
(١٢)
فِي جَنَّـٰتِ ٱلنَّعِيمِ
12- फ़ी जन्नातिन नईम
Fee Jannaatin Na’eem
वो नेअमतों वाले बाग़ों में होंगे
(١٣)
ثُلَّةٞ مِّنَ ٱلۡأَوَّلِينَ
13- सुल्लतुम मिनल अव्वलीन
Sullatum minal awwaleen
उन का एक बड़ा गिरोह तो अगले लोगों में होगा
(١٤)
وَقَلِيلٌ مِنَ الْآخِرِينَ
14- व क़लीलुम मिनल आखिरीन
Wa qaleelum minal aa khireen
और थोड़े से पिछले लोगों में होंगे
(١٥)
عَلَىٰ سُرُرٖ مَّوۡضُونَةٖ
15. अला सुरुरिम मौजूनह
‘Alaa sururim mawdoonah
ऐसी मसेहरियों पर जो सोने से बुनी और जवाहरात से जड़ी होंगी
(١٦)
مُّتَّكِـِٔينَ عَلَيۡهَا مُتَقَٰبِلِينَ
16. मुत्तकि ईना अलैहा मुतकाबिलीन
Muttaki’eena ‘alaihaa mutaqabileen
उन पर आमने सामने टेक लगाये हुए बैठे होंगे
(١٧)
يَطُوفُ عَلَيْهِمْ وِلْدَانٌ مُخَلَّدُونَ
17. यतूफु अलैहिम विल्दानुम मुखल्लदून
Yatoofu ‘alaihim wildaa num mukhalladoon
उन की ख़िदमत में ऐसे लड़के जो हमेशा लड़के ही रहेंगे वो उनके पास आते जाते रहेंगे
(١٨)
بِأَكْوَابٍ وَأَبَارِيقَ وَكَأْسٍ مِنْ مَعِينٍ
18. बिअक्वाबिव व अबारीका व कअ’सिम मिम मईन
Bi akwaabinw wa abaareeq, wa kaasim mim ma’een
ग्लासों और जगों में साफ़ सुथरी शराब के जाम लिए हुए
(١٩)
لَا يُصَدَّعُونَ عَنْهَا وَلَا يُنْزِفُونَ
19. ला युसद्द ऊना अन्हा वला युन्ज़िफून
Laa yusadda’oona ‘anhaa wa laa yunzifoon
ऐसी शराब जिससे न उनके सर चकरायेंगे और न उनके होश उड़ेंगे
(٢٠)
وَفَاكِهَةٍ مِمَّا يَتَخَيَّرُونَ
20. व फाकिहतिम मिम्मा यता खैयरून
Wa faakihatim mimmaa yatakhaiyaroon
और ऐसे मेवे लिए हुए जिनको वो खुद पसंद करेंगे
(٢١)
وَلَحْمِ طَيْرٍ مِمَّا يَشْتَهُونَ
21. वलहमि तैरिम मिम्मा यश तहून
Wa lahmi tairim mimmaa yashtahoon
और ऐसे परिंदों का गोश्त लिए जिनकी उन्हें ख्वाहिश होगी
(٢٢)
وَحُورٌ عِينٌ
22. व हूरून ईन
Wa hoorun’een
और खूबसूरत आँखों वाली हूरें
(٢٣)
كَأَمْثَالِ اللُّؤْلُؤِ الْمَكْنُونِ
23. कअम्सा लिल लुअ’लुइल मक्नून
Ka amsaalil lu’lu’il maknoon
जैसे छिपा छिपा कर रखे गए मोती
(٢٤)
جَزَاءً بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ
24. जज़ा अम बिमा कानू यअ’मलून
Jazaaa’am bimaa kaanoo ya’maloon
ये सब उनके कामों के बदले के तौर पर होगा जो वो किया करते थे
(٢٥)
لَا يَسْمَعُونَ فِيهَا لَغْوًا وَلَا تَأْثِيمًا
25. ला यस्मऊना फ़ीहा लग्वव वला तअसीमा
Laa yasma’oona feehaa laghwanw wa laa taaseemaa
वो न उस में बेकार बातें सुनेंगे और न ही कोई गुनाह की बात
(٢٦)
إِلَّا قِيلًا سَلَامًا سَلَامًا
26. इल्ला कीलन सलामन सलामा
Illaa qeelan salaaman salaamaa
सिवाए सलामती ही सलामती की बात के
(٢٧)
وَأَصْحَابُ الْيَمِينِ مَا أَصْحَابُ الْيَمِينِ
27. व अस्हाबुल यामीनि मा अस्हाबुल यमीन
Wa as haabul yameeni maaa as haabul Yameen
और जो दायें तरफ वाले हैं, क्या खूब हैं दायें तरफ वाले
(٢٨)
فِي سِدْرٍ مَخْضُودٍ
28. फ़ी सिदरिम मख्जूद
Fee sidrim makhdood
काँटों से पाक सिदरा के दरख्तों में
(٢٩)
وَطَلْحٍ مَنْضُودٍ
29. व तल्हिम मन्जूद
Wa talhim mandood
लदे हुए केले के पेड़ों में
(٣٠)
وَظِلٍّ مَمْدُودٍ
30. व ज़िल्लिम मम्दूद
Wa zillim mamdood
और फैले हुए साये में
(٣١)
وَمَاءٍ مَسْكُوبٍ
31. वमा इम मस्कूब
Wa maaa’im maskoob
और बहते हुए पानी में
(٣٢)
وَفَاكِهَةٍ كَثِيرَةٍ
32. व फाकिहतिन कसीरह
Wa faakihatin kaseerah
और बहुत से फलों में
(٣٣)
لَا مَقْطُوعَةٍ وَلَا مَمْنُوعَةٍ
33. ला मक़्तू अतिव वला ममनूअह
Laa maqtoo’atinw wa laa mamnoo’ah
जो न ख़त्म होने को आयेंगे और न उन में कोई रोक टोक होगी
(٣٤)
وَفُرُشٍ مَرْفُوعَةٍ
34. व फुरुशिम मरफूअह
Wa furushim marfoo’ah
और बलंद बिस्तरों में
(٣٥)
إِنَّا أَنْشَأْنَاهُنَّ إِنْشَاءً
35. इन्ना अनशअ नाहुन्ना इंशाआ
Innaaa anshaanaahunna inshaaa’aa
हम ने (उन के लिए) हूरें बनाई हैं
(٣٦)
فَجَعَلْنَاهُنَّ أَبْكَارًا
36. फज अल्नाहुन्ना अब्कारा
Faja’alnaahunna abkaaraa
तो हम ने उनको कुंवारी बनाया है
(٣٧)
عُرُبًا أَتْرَابًا
37. उरुबन अतराबा
‘Uruban atraabaa
मुहब्बत भरी हमजोलियाँ
(٣٨)
لِأَصْحَابِ الْيَمِينِ
38. लि अस्हाबिल यमीन
Li as haabil yameen
ये है दायें तरफ वालों के लिए
(٣٩)
ثُلَّةٌ مِنَ الْأَوَّلِينَ
39. सुल्लतुम मिनल अव्वलीन
Sullatum minal awwa leen
उनकी एक बड़ी जमात अगले लोगों में है
(٤٠)
وَثُلَّةٌ مِنَ الْآخِرِينَ
40. वसुल्लतुम मिनल आखिरीन
Wa sullatum minal aakhireen
उनकी एक बड़ी जमात पिछले लोगों में है
(٤١)
وَأَصْحَابُ الشِّمَالِ مَا أَصْحَابُ الشِّمَالِ
41. व अस्हाबुश शिमालि मा अस्हाबुश शिमाल
Wa as haabush shimaali maaa as haabush shimaal
और बाएं तरफ वाले, क्या हाल होगा बाएं तरफ वालों का
(٤٢)
فِي سَمُومٍ وَحَمِيمٍ
42. फ़ी समूमिव व हमीम
Fee samoominw wa hameem
वो होंगे झुलसा देने वाली हवा में और खौलते पानी में
(٤٣)
وَظِلٍّ مِنْ يَحْمُومٍ
43. व ज़िल्लिम मिय यहमूम
Wa zillim miny yahmoom
सियाह धुएं के साए में
(٤٤)
لَا بَارِدٍ وَلَا كَرِيمٍ
44. ला बारिदिव वला करीम
Laa baaridinw wa laa kareem
जो न ठंडा होगा और न फायदा पहुँचाने वाला होगा
(٤٥)
إِنَّهُمْ كَانُوا قَبْلَ ذَٰلِكَ مُتْرَفِينَ
45. इन्नहुम कानू क़ब्ला ज़ालिका मुतरफीन
Innahum kaanoo qabla zaalika mutrafeen
इस से पहले वो बड़े ऐशो इशरत में पड़े हुए थे
(٤٦)
وَكَانُوا يُصِرُّونَ عَلَى الْحِنْثِ الْعَظِيمِ
46. व कानू युसिर्रूना अलल हिन्सिल अज़ीम
Wa kaanoo yusirroona ‘alal hinsil ‘azeem
और बड़े भारी गुनाह ( शिर्क ) पर अड़े रहते थे
(٤٧)
وَكَانُوا يَقُولُونَ أَئِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَعِظَامًا أَإِنَّا لَمَبْعُوثُونَ
47. व कानू यकूलूना अ इज़ा मितना व कुन्ना तुराबव व इज़ामन अ इन्ना लमब ऊसून
Wa kaanoo yaqooloona a’izaa mitnaa wa kunnaa turaabanw wa izaaman’ainnaa lamab’oosoon
और कहा करते थे : जब हम मर जायेंगे और मिटटी हड्डी हो जायेंगे तो क्या हम फिर दोबारा जिंदा किये जायेंगे
(٤٨)
أَوَآبَاؤُنَا الْأَوَّلُونَ
48. अवा आबाउनल अव्वलून
Awa aabaaa’unal awwaloon
और क्या हमारे पहले बाप दादा भी
(٤٩)
قُلْ إِنَّ الْأَوَّلِينَ وَالْآخِرِينَ
49. कुल इन्नल अव्वलीना वल आखिरीन
Qul innal awwaleena wal aakhireen
कह दीजिये कि सब अगले और पिछले लोग
(٥٠)
لَمَجْمُوعُونَ إِلَىٰ مِيقَاتِ يَوْمٍ مَعْلُومٍ
50. लमज मूऊना इला मीकाति यौमिम मालूम
Lamajmoo’oona ilaa meeqaati yawmim ma’loom
एक मुक़र्ररह दिन पर ज़रूर इकठ्ठा किये जायेंगे
(٥١)
ثُمَّ إِنَّكُمْ أَيُّهَا الضَّالُّونَ الْمُكَذِّبُونَ
51. सुम्मा इन्नकुम अय्युहज़ ज़ाल्लूनल मुकज्ज़िबून
Summa innakum ayyuhad daaalloonal mukazziboon
फिर ए गुमराहों और ए झुटलाने वालों ! यक़ीनन तुम
(٥٢)
لَآكِلُونَ مِنْ شَجَرٍ مِنْ زَقُّومٍ
52. ल आकिलूना मिन शजरिम मिन ज़क्कूम
La aakiloona min shaja rim min zaqqoom
यक़ीनन ज़क्कूम के दरख़्त खाओगे
(٥٣)
فَمَالِئُونَ مِنْهَا الْبُطُونَ
53. फ मालिऊना मिन्हल बुतून
Famaali’oona minhal butoon
और इसी से पेट भरोगे
(٥٤)
فَشَارِبُونَ عَلَيْهِ مِنَ الْحَمِيمِ
54. फ शारिबूना अलैहि मिनल हमीम
Fashaariboona ‘alaihi minal hameem
फिर उस पर खौलता हुआ पानी पियोगे
(٥٥)
فَشَارِبُونَ شُرْبَ الْهِيمِ
55. फ शारिबूना शुरबल हीम
Fashaariboona shurbal heem
और पियोगे भी प्यासे ऊंटों की तरह
٥٦)
هَٰذَا نُزُلُهُمْ يَوْمَ الدِّينِ
56. हाज़ा नुज़ुलुहुम यौमद दीन
Haazaa nuzuluhum yawmad deen
क़यामत के दिन यही उन की मेहमान नवाज़ी होगी
(٥٧)
نَحْنُ خَلَقْنَاكُمْ فَلَوْلَا تُصَدِّقُونَ
57. नहनु खलक्नाकुम फलौला तुसद्दिकून
Nahnu khalaqnaakum falaw laa tusaddiqoon
हम ने ही तुम को पैदा किया तो फिर तुम (दोबारा जिंदा किये जाने को) सच क्यूँ नहीं मानते हो ?
(٥٨)
أَفَرَأَيْتُمْ مَا تُمْنُونَ
58. अफा रअय्तुम मा तुम्नून
Afara’aytum maa tumnoon
भला देखो तो सही, जो मनी तुम (औरतों के रहम में) डालते हो
(٥٩)
أَأَنْتُمْ تَخْلُقُونَهُ أَمْ نَحْنُ الْخَالِقُونَ
59. अ अन्तुम तख्लुकूनहु अम नहनुल खालिकून
‘A-antum takhluqoo nahooo am nahnul khaaliqoon
उस को तुम इंसान बनाते हो या हम बनाने वाले हैं
(٦٠)
نَحْنُ قَدَّرْنَا بَيْنَكُمُ الْمَوْتَ وَمَا نَحْنُ بِمَسْبُوقِينَ
60. नहनु क़द्दरना बय्नकुमुल मौता वमा नहनु बिमस्बूकीन
Nahnu qaddarnaa baina kumul mawta wa maa nahnu bimasbooqeen
हम ने ही तुम्हारे लिए मरना तय किया है (कि हर शख्स पर मौत आती है) और हम उस बात से आजिज़ नहीं हैं
(٦١)
عَلَىٰ أَنْ نُبَدِّلَ أَمْثَالَكُمْ وَنُنْشِئَكُمْ فِي مَا لَا تَعْلَمُونَ
61. अला अन नुबददिला अम्सालकुम व नुन्शिअकुम फ़ी माला तअ’लमून
‘Alaaa an nubaddila amsaalakum wa nunshi’akum fee maa laa ta’lamoon
कि तुम्हारी जगह तुम्हारे जैसे किसी और को ले आयेंगे और तुम को वहां उठा खड़ा करेंगे, जिस का तुम को कोई भी इल्म नहीं
(٦٢)
وَلَقَدْ عَلِمْتُمُ النَّشْأَةَ الْأُولَىٰ فَلَوْلَا تَذَكَّرُونَ
62. व लक़द अलिम्तुमुन नश अतल ऊला फलौला तज़क करून
Wa laqad ‘alimtumun nash atal oolaa falaw laa tazakkaroon
और तुम तो पहली पैदाइश को जानते ही हो तो क्यूँ सबक़ नहीं लेते
(٦٣)
أَفَرَأَيْتُمْ مَا تَحْرُثُونَ
63. अफा रअय्तुम मा तहरुसून
Afara’aytum maa tahrusoon
देखो तो सही कि तुम जो कुछ बोते हो
(٦٤)
أَأَنْتُمْ تَزْرَعُونَهُ أَمْ نَحْنُ الزَّارِعُونَ
64. अ अन्तुम तजर उनहू अम नहनुज़ जारिऊन
‘A-antum tazra’oonahooo am nahnuz zaari’ooon
उसको तुम उगाते हो या हम उगाते हैं
(٦٥)
لَوْ نَشَاءُ لَجَعَلْنَاهُ حُطَامًا فَظَلْتُمْ تَفَكَّهُونَ
65. लौ नशाऊ लजा अल्नाहु हुतामन फज़ल तुम तफक्कहून
Law nashaaa’u laja’al naahu hutaaman fazaltum tafakkahoon
अगर हम चाहें तो उसको रेज़ा रेज़ा कर डालें फिर तुम बातें बनाते रह जाओ
٦٦)
إِنَّا لَمُغْرَمُونَ
66. इन्ना ल मुगरमून
Innaa lamughramoon
( तुम कहने लगो : ) कि हम पर तो तावान पड़ गया
(٦٧)
بَلْ نَحْنُ مَحْرُومُونَ
67. बल नहनु महरूमून
Bal nahnu mahroomoon
बल्कि हम बड़े बदनसीब हैं
(٦٨)
أَفَرَأَيْتُمُ الْمَاءَ الَّذِي تَشْرَبُونَ
68. अफा रअय्तुमुल मा अल्लज़ी तशरबून
Afara’aytumul maaa’allazee tashraboon
फिर बताओ तो सही कि जिस पानी को तुम पीते हो
(٦٩)
أَأَنْتُمْ أَنْزَلْتُمُوهُ مِنَ الْمُزْنِ أَمْ نَحْنُ الْمُنْزِلُونَ
69. अ अन्तुम अन्ज़ल्तुमूहु मिनल मुज्नि अम नहनुल मुन्ज़िलून
‘A-antum anzaltumoohu minal muzni am nahnul munziloon
उसको बादल से तुंम बरसाते हो या हम बरसाते हैं
(٧٠)
لَوْ نَشَاءُ جَعَلْنَاهُ أُجَاجًا فَلَوْلَا تَشْكُرُونَ
70. लौ नशाऊ ज अल्नाहू उजाजन फलौला तश्कुरून
Law nashaaa’u ja’alnaahu ujaajan falaw laa tashkuroon
अगर हम चाहें तो उसको खारा कर दें फिर तुम शुक्र क्यूँ नहीं करते
(٧١)
أَفَرَأَيْتُمُ النَّارَ الَّتِي تُورُونَ
71. अफा रअय्तुमुन नारल लती तूरून
Afara’aytumun naaral latee tooroon
फिर देखो तो सही जो आग तुम सुलगाते हो
(٧٢)
أَأَنْتُمْ أَنْشَأْتُمْ شَجَرَتَهَا أَمْ نَحْنُ الْمُنْشِئُونَ
72. अ अन्तुम अनश’अतुम शजरतहा अम नहनुल मुन्शिऊन
‘A-antum anshaatum shajaratahaaa am nahnul munshi’oon
उसके दरख़्त को तुम ने पैदा किया है या हम ने ?
(٧٣)
نَحْنُ جَعَلْنَاهَا تَذْكِرَةً وَمَتَاعًا لِلْمُقْوِينَ
73. नहनु जअल्नाहा तज्किरतव व मताअल लिल मुक्वीन
Nahnu ja’alnaahaa tazkira tanw wa mataa’al lilmuqween
हम ने उसको याद दिहानी करने वाला और मुसाफिरों के लिए नफाबख्श बनाया है
(٧٤)
فَسَبِّحْ بِاسْمِ رَبِّكَ الْعَظِيمِ
74. फ़सब्बिह बिस्मि रब्बिकल अज़ीम
Fasabbih bismi Rabbikal ‘azeem
तो आप अपने अज़मत वाले परवरदिगार के नाम की पाकी बयान कीजिये
(٧٥)
۞ فَلَا أُقْسِمُ بِمَوَاقِعِ النُّجُومِ .
75. फला उक्सिमु बि मवाक़िइन नुजूम
Falaa uqsimu bimaawaa qi’innujoom
तो अब मैं उन जगहों की क़सम खाकर कहता हूँ जहाँ सितारे गिरते हैं
(٧٦)
وَإِنَّهُ لَقَسَمٌ لَوْ تَعْلَمُونَ عَظِيمٌ
76. व इन्नहू ल क़समुल लौ तअ’लमूना अज़ीम
Wa innahoo laqasamul lawta’lamoona’azeem
और यक़ीनन अगर तुम जानो तो ये बहुत बड़ी क़सम है
(٧٧)
إِنَّهُ لَقُرْآنٌ كَرِيمٌ
77. इन्नहू ल कुरआनून करीम
Innahoo la quraanun kareem
बेशक ये बड़ा ही काबिले एहतराम क़ुरान है
(٧٨)
لَا يَمَسُّهُ إِلَّا الْمُطَهَّرُونَ
78. फ़ी किताबिम मक्नून
Fee kitaabim maknoon
जो एक महफ़ूज़ किताब में पहले से मौजूद है
(٧٩)
لَا يَمَسُّهُ إِلَّا الْمُطَهَّرُونَ
79. ला यमस्सुहू इल्लल मुतह हरून
Laa yamassuhooo illal mutahharoon
इस को सिर्फ़ वही हाथ लगा सकता है जो खूब पाक साफ़ हो
(٨٠)
تَنْزِيلٌ مِنْ رَبِّ الْعَالَمِينَ
80. तन्जीलुम मिर रब्बिल आलमीन
Tanzeelum mir Rabbil’aalameen
ये तमाम आलम के परवरदिगार की तरफ़ से उतारा हुआ है
(٨١)
أَفَبِهَٰذَا الْحَدِيثِ أَنْتُمْ مُدْهِنُونَ
81. अफा बिहाज़ल हदीसि अन्तुम मुद हिनून
Afabihaazal hadeesi antum mudhinoon
क्या तुम इस कलाम के परवरदिगार का इनकार करते हो ?
(٨٢)
وَتَجْعَلُونَ رِزْقَكُمْ أَنَّكُمْ تُكَذِّبُونَ
82. व तज अलूना रिज्क़कुम अन्नकुम तुकज्ज़िबून
Wa taj’aloona rizqakum annakum tukazziboon
और इस के झुटलाने को ही अपना मशगला बना रखा है
(٨٣)
فَلَوْلَا إِذَا بَلَغَتِ الْحُلْقُومَ
83. फलौला इज़ा बला गतिल हुल्कूम
Falaw laaa izaa balaghatil hulqoom
तो जब जान गले तक आ पहुँचती है
(٨٤)
وَأَنْتُمْ حِينَئِذٍ تَنْظُرُونَ
84. व अन्तुम ही नइजिन तन्ज़ुरून
Wa antum heena’izin tanzuroon
और तुम उस वक़्त ( मरने वाले को ) देख रहे होते हो
(٨٥)
وَنَحْنُ أَقْرَبُ إِلَيْهِ مِنْكُمْ وَلَٰكِنْ لَا تُبْصِرُونَ
85. व नहनु अकरबु इलैहि मिन्कुम वला किल्ला तुब्सिरून
Wa nahnu aqrabu ilaihi minkum wa laakil laa tubsiroon
और हम तुम से ज़्यादा उस से क़रीब हैं हालाँकि तुम नहीं देखते
(٨٦)
فَلَوْلَا إِنْ كُنْتُمْ غَيْرَ مَدِينِينَ
86 फ़लौला इन कुन्तुम गैरा मदीनीन
Falaw laaa in kuntum ghaira madeeneen
अगर तुम किसी और के क़ाबू में नहीं हो तो
(٨٧)
تَرْجِعُونَهَا إِنْ كُنْتُمْ صَادِقِينَ
87. तर जिऊनहा इन कुन्तुम सादिकीन
Tarji’oonahaaa in kuntum saadiqeen
तो उस जान को वापस नहीं क्यूँ नहीं ले आते अगर तुम सच्चे हो ?
(٨٨)
فَأَمَّا إِنْ كَانَ مِنَ الْمُقَرَّبِينَ
88. फअम्मा इन कान मिनल मुक़र्रबीन
Fa ammaaa in kaana minal muqarrabeen
तो अगर मरने वाला खुदा के मुक़र्रिब बन्दों में से है
(٨٩)
فَرَوْحٌ وَرَيْحَانٌ وَجَنَّتُ نَعِيمٍ
89. फ़ रौहु व रैहानु व जन्नतु नईम
Farawhunw wa raihaa nunw wa jannatu na’eem
तो (उस के लिए) आराम ही आराम, ख़ुशबू ही ख़ुशबू और नेअमत भरी जन्नत है
(٩٠)
وَأَمَّا إِنْ كَانَ مِنْ أَصْحَابِ الْيَمِينِ
90. व अम्मा इन कान मिन अस्हाबिल यमीन
Wa ammaaa in kaana min as haabil yameen
और अगर वो दाहिनी तरफ़ वालों में से है
(٩١)
فَسَلَامٌ لَكَ مِنْ أَصْحَابِ الْيَمِينِ
91. फ़ सलामुल लका मिन अस्हाबिल यमीन
Fasalaamul laka min as haabil yameen
तो ( उस से कहा जायेगा तेरे लिए सलामती है कि तू दायें तरफ़ वालों में से है
(٩٢)
وَأَمَّا إِنْ كَانَ مِنَ الْمُكَذِّبِينَ الضَّالِّينَ
92. व अम्मा इन कान मिनल मुकज्ज़िबीनज़ जालीन
Wa ammaaa in kaana minal mukazzibeenad daaalleen
और अगर वो झुटलाने वाले गुमराह लोगों में से था
(٩٣)
فَنُزُلٌ مِنْ حَمِيمٍ
93. फ नुज़ुलुम मिन हमीम
Fanuzulum min hameem
तो खौलते हुए पानी से मेज़बानी होगी
(٩٤)
وَتَصْلِيَةُ جَحِيمٍ
94. व तस्लियतु जहीम
Wa tasliyatu jaheem
और (उसे) दोज़ख़ में दाख़िल होना होगा
(٩٥)
إِنَّ هَٰذَا لَهُوَ حَقُّ الْيَقِينِ
95. इन्ना हाज़ा लहु हक्कुल यक़ीन
Inna haaza lahuwa haqqul yaqeen
बेशक ये यक़ीनी बात है
(٩٦)
فَسَبِّحْ بِاسْمِ رَبِّكَ الْعَظِيمِ
96. फ़ सब्बिह बिस्मि रब्बिकल अज़ीम
Fasabbih bismi rabbikal ‘azeem
बस आप अपने रब के नाम की तस्बीह किये जाइए जो बड़ी अजमतों वाला है
Surah Waqiah in Arabic
إِذَا وَقَعَتِ الْوَاقِعَةُ لَيْسَ لِوَقْعَتِهَا كَاذِبَةٌ خَافِضَةٌ رَّافِعَةٌ إِذَا رُجَّتِ الْأَرْضُ رَجًّا وَبُسَّتِ الْجِبَالُ بَسًّا فَكَانَتْ هَبَاءً مُّنبَثًّا وَكُنتُمْ أَزْوَاجًا ثَلَاثَةً فَأَصْحَابُ الْمَيْمَنَةِ مَا أَصْحَابُ الْمَيْمَنَةِ وَأَصْحَابُ الْمَشْأَمَةِ مَا أَصْحَابُ الْمَشْأَمَةِ وَالسَّابِقُونَ السَّابِقُونَ أُو۟لَٰئِكَ الْمُقَرَّبُونَ فِي جَنَّاتِ النَّعِيمِ ثُلَّةٌ مِّنَ الْأَوَّلِينَ وَقَلِيلٌ مِّنَ الْآخِرِينَ عَلَىٰ سُرُرٍ مَّوْضُونَةٍ مُتَّكِـِٔينَ عَلَيْهَا مُتَقَابِلِينَ يَطُوفُ عَلَيْهِمْ وِلْدَٰنٌ مُّخَلَّدُونَ بِأَكْوَابٍ وَأَبَارِيقَ وَكَأْسٍ مِّن مَّعِينٍ لَا يُصَدَّعُونَ عَنْهَا وَلَا يُنزِفُونَ وَفَٰكِهَةٍ مِّمَّا يَتَخَيَّرُونَ وَلَحْمِ طَيْرٍ مِّمَّا يَشْتَهُونَ وَحُورٌ عِينٌ كَأَمْثَٰلِ اللُّؤْلُؤِ الْمَكْنُونِ جَزَآءًۭ بِمَا كَانُوا۟ يَعْمَلُونَ لَا يَسْمَعُونَ فِيهَا لَغْوًا وَلَا تَأْثِيمًا إِلَّا قِيلًا سَلَٰمًا سَلَٰمًا وَأَصْحَٰبُ الْيَمِينِ مَآ أَصْحَٰبُ الْيَمِينِ فِي سِدْرٍ مَّخْضُودٍ وَطَلْحٍۢ مَّنضُودٍۢ وَظِلٍّۢ مَّمْدُودٍۢ وَمَآءٍۢ مَّسْكُوبٍۢ وَفَٰكِهَةٍۢ كَثِيرَةٍۢ لَّا مَقْطُوعَةٍۢ وَلَا مَمْنُوعَةٍۢ وَفُرُشٍۢ مَّرْفُوعَةٍۢ إِنَّآ أَنشَأْنَٰهُنَّ إِنشَآءًۭ فَجَعَلْنَٰهُنَّ أَبْكَارًا عُرُبًا أَتْرَابًا لِّأَصْحَٰبِ الْيَمِينِ ثُلَّةٌۭ مِّنَ الْأَوَّلِينَ وَثُلَّةٌۭ مِّنَ الْءَاخِرِينَ وَأَصْحَٰبُ الشِّمَالِ مَآ أَصْحَٰبُ الشِّمَالِ فِي سَمُومٍۢ وَحَمِيمٍۢ وَظِلٍّۢ مِّن يَحْمُومٍۢ لَّا بَارِدٍۢ وَلَا كَرِيمٍۢ إِنَّهُمْ كَانُوا۟ قَبْلَ ذَٰلِكَ مُتْرَفِينَ وَكَانُوا۟ يُصِرُّونَ عَلَى الْحِنثِ الْعَظِيمِ وَكَانُوا۟ يَقُولُونَ أَئِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَعِظَٰمًا أَئِنَّا لَمَبْعُوثُونَ أَوَءَابَآؤُنَا الْأَوَّلُونَ قُلْ إِنَّ الْأَوَّلِينَ وَالْءَاخِرِينَ لَمَجْمُوعُونَ إِلَىٰ مِيقَٰتِ يَوْمٍۢ مَّعْلُومٍۢ ثُمَّ إِنَّكُمْ أَيُّهَا الضَّآلُّونَ الْمُكَذِّبُونَ لَءَاكِلُونَ مِن شَجَرٍۢ مِّن زَقُّومٍۢ فَمَالِـُٔونَ مِنْهَا الْبُطُونَ فَشَٰرِبُونَ عَلَيْهِ مِنَ الْحَمِيمِ فَشَٰرِبُونَ شُرْبَ الْهِيمِ هَٰذَا نُزُلُهُمْ يَوْمَ الدِّينِ نَحْنُ خَلَقْنَٰكُمْ فَلَوْلَا تُصَدِّقُونَ أَفَرَءَيْتُم مَّا تُمْنُونَ أَأَنتُمْ تَخْلُقُونَهُۥٓ أَمْ نَحْنُ الْخَٰلِقُونَ نَحْنُ قَدَّرْنَا بَيْنَكُمُ الْمَوْتَ وَمَا نَحْنُ بِمَسْبُوقِينَ عَلَىٰٓ أَن نُّبَدِّلَ أَمْثَٰلَكُمْ وَنُنشِئَكُمْ فِى مَا لَا تَعْلَمُونَ وَلَقَدْ عَلِمْتُمُ النَّشْأَةَ الْأُولَىٰ فَلَوْلَا تَذَكَّرُونَ أَفَرَءَيْتُم مَّا تَحْرُثُونَ أَأَنتُمْ تَزْرَعُونَهُۥٓ أَمْ نَحْنُ الزَّٰرِعُونَ لَوْ نَشَآءُ لَجَعَلْنَٰهُ حُطَٰمًا فَظَلْتُمْ تَفَكَّهُونَ إِنَّا لَمُغْرَمُونَ بَلْ نَحْنُ مَحْرُومُونَ أَفَرَءَيْتُمُ الْمَآءَ الَّذِى تَشْرَبُونَ أَأَنتُمْ أَنزَلْتُمُوهُ مِنَ الْمُزْنِ أَمْ نَحْنُ الْمُنزِلُونَ لَوْ نَشَآءُ جَعَلْنَٰهُ أُجَاجًا فَلَوْلَا تَشْكُرُونَ أَفَرَءَيْتُمُ النَّارَ الَّتِى تُورُونَ أَأَنتُمْ أَنشَأْتُمْ شَجَرَتَهَآ أَمْ نَحْنُ الْمُنشِـُٔونَ نَحْنُ جَعَلْنَٰهَا تَذْكِرَةًۭ وَمَتَٰعًا لِّلْمُقْوِينَ فَسَبِّحْ بِاسْمِ رَبِّكَ الْعَظِيمِ فَلَآ أُقْسِمُ بِمَوَٰقِعِ النُّجُومِ وَإِنَّهُۥ لَقَسَمٌۭ لَّوْ تَعْلَمُونَ عَظِيمٌ إِنَّهُۥ لَقُرْءَانٌۭ كَرِيمٌۭ فِى كِتَٰبٍۢ مَّكْنُونٍۢ لَّا يَمَسُّهُۥٓ إِلَّا الْمُطَهَّرُونَ تَنزِيلٌۭ مِّن رَّبِّ الْعَٰلَمِينَ أَفَبِهَٰذَا الْحَدِيثِ أَنتُم مُّدْهِنُونَ وَتَجْعَلُونَ رِزْقَكُمْ أَنَّكُمْ تُكَذِّبُونَ فَلَوْلَآ إِذَا بَلَغَتِ الْحُلْقُومَ وَأَنتُمْ حِينَئِذٍۢ تَنظُرُونَ وَنَحْنُ أَقْرَبُ إِلَيْهِ مِنكُمْ وَلَٰكِن لَّا تُبْصِرُونَ فَلَوْلَآ إِن كُنتُمْ غَيْرَ مَدِينِينَ تَرْجِعُونَهَآ إِن كُنتُمْ صَٰدِقِينَ فَأَمَّآ إِن كَانَ مِنَ الْمُقَرَّبِينَ فَرَوْحٌۭ وَرَيْحَانٌۭ وَجَنَّتُ نَعِيمٍۢ وَأَمَّآ إِن كَانَ مِنْ أَصْحَٰبِ الْيَمِينِ فَسَلَٰمٌۭ لَّكَ مِنْ أَصْحَٰبِ الْيَمِينِ وَأَمَّآ إِن كَانَ مِنَ الْمُكَذِّبِينَ الضَّآلِّينَ فَنُزُلٌۭ مِّنْ حَمِيمٍۢ وَتَصْلِيَةُ جَحِيمٍ إِنَّ هَٰذَا لَهُوَ حَقُّ الْيَقِينِ فَسَبِّحْ بِاسْمِ رَبِّكَ الْعَظِيمِ
Surah Waqiah in Hindi
बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम
1. इज़ा वक अतिल वाकिअह 2. लैसा लिवक अतिहा काज़िबह 3. खाफिज़तुर राफि अह 4. इज़ा रुज्जतिल अरजु रज्जा 5. व बुस्सतिल जिबालु बस्सा 6. फकानत हबा अम मुम्बस्सा 7. व कुन्तुम अजवाजन सलासह 8. फ अस्हाबुल मय्मनति मा अस्हाबुल मय्मनह 9. व अस्हाबुल मश अमति मा अस्हाबुल मश अमह 10. वस साबिकूनस साबिकून 11. उला इकल मुक़र्रबून 12. फ़ी जन्नातिन नईम 13. सुल्लतुम मिनल अव्वलीन 14. व क़लीलुम मिनल आखिरीन 15. अला सुरुरिम मौजूनह 16. मुत्तकि ईना अलैहा मुतकाबिलीन 17. यतूफु अलैहिम विल्दानुम मुखल्लदून 18. बिअक्वाबिव व अबारीका व कअ’सिम मिम मईन 19. ला युसद्द ऊना अन्हा वला युन्ज़िफून 20. व फाकिहतिम मिम्मा यता खैयरून 21. वलहमि तैरिम मिम्मा यश तहून 22. व हूरून ईन 23. कअम्सा लिल लुअ’लुइल मक्नून 24. जज़ा अम बिमा कानू यअ’मलून 25. ला यस्मऊना फ़ीहा लग्वव वला तअसीमा 26. इल्ला कीलन सलामन सलामा 27. व अस्हाबुल यामीनि मा अस्हाबुल यमीन 28. फ़ी सिदरिम मख्जूद 29. व तल्हिम मन्जूद 30. व ज़िल्लिम मम्दूद 31. वमा इम मस्कूब 32. व फाकिहतिन कसीरह 33. ला मक़्तू अतिव वला ममनूअह 34. व फुरुशिम मरफूअह 35. इन्ना अनशअ नाहुन्ना इंशाआ 36. फज अल्नाहुन्ना अब्कारा 37. उरुबन अतराबा 38. लि अस्हाबिल यमीन 39. सुल्लतुम मिनल अव्वलीन 40. वसुल्लतुम मिनल आखिरीन 41. व अस्हाबुश शिमालि मा अस्हाबुश शिमाल 42. फ़ी समूमिव व हमीम 43. व ज़िल्लिम मिय यहमूम 44. ला बारिदिव वला करीम 45. इन्नहुम कानू क़ब्ला ज़ालिका मुतरफीन. 46. व कानू युसिर्रूना अलल हिन्सिल अज़ीम
47. व कानू यकूलूना अ इज़ा मितना व कुन्ना तुराबव व इज़ामन अ इन्ना लमब ऊसून 48. अवा आबाउनल अव्वलून 49. कुल इन्नल अव्वलीना वल आखिरीन 50. लमज मूऊना इला मीकाति यौमिम मालूम 51. सुम्मा इन्नकुम अय्युहज़ ज़ाल्लूनल मुकज्ज़िबून 52. ल आकिलूना मिन शजरिम मिन ज़क्कूम 53. फ मालिऊना मिन्हल बुतून 54. फ शारिबूना अलैहि मिनल हमीम 55. फ शारिबूना शुरबल हीम 56. हाज़ा नुज़ुलुहुम यौमद दीन 57. नहनु खलक्नाकुम फलौला तुसद्दिकून 58. अफा रअय्तुम मा तुम्नून 59. अ अन्तुम तख्लुकूनहु अम नहनुल खालिकून 60. नहनु क़द्दरना बय्नकुमुल मौता वमा नहनु बिमस्बूकीन 61. अला अन नुबददिला अम्सालकुम व नुन्शिअकुम फ़ी माला तअ’लमून 62. व लक़द अलिम्तुमुन नश अतल ऊला फलौला तज़क करून 63. अफा रअय्तुम मा तहरुसून 64. अ अन्तुम तजर उनहू अम नहनुज़ जारिऊन 65. लौ नशाऊ लजा अल्नाहु हुतामन फज़ल तुम तफक्कहून 66. इन्ना ल मुगरमून 67. बल नहनु महरूमून 68. अफा रअय्तुमुल मा अल्लज़ी तशरबून 69. अ अन्तुम अन्ज़ल्तुमूहु मिनल मुज्नि अम नहनुल मुन्ज़िलून 70. लौ नशाऊ ज अल्नाहू उजाजन फलौला तश्कुरून 71. अफा रअय्तुमुन नारल लती तूरून 72. अ अन्तुम अनश’अतुम शजरतहा अम नहनुल मुन्शिऊन 73. नहनु जअल्नाहा तज्किरतव व मताअल लिल मुक्वीन 74. फ़सब्बिह बिस्मि रब्बिकल अज़ीम 75. फला उक्सिमु बि मवाक़िइन नुजूम 76. व इन्नहू ल क़समुल लौ तअ’लमूना अज़ीम 77. इन्नहू ल कुरआनून करीम 78. फ़ी किताबिम मक्नून 79. ला यमस्सुहू इल्लल मुतह हरून 80. तन्जीलुम मिर रब्बिल आलमीन 81. अफा बिहाज़ल हदीसि अन्तुम मुद हिनून 82. व तज अलूना रिज्क़कुम अन्नकुम तुकज्ज़िबून 83. फलौला इज़ा बला गतिल हुल्कूम 84. व अन्तुम ही नइजिन तन्ज़ुरून 85. व नहनु अकरबु इलैहि मिन्कुम वला किल्ला तुब्सिरून 86 फ़लौला इन कुन्तुम गैरा मदीनीन 87. तर जिऊनहा इन कुन्तुम सादिकीन 88. फअम्मा इन कान मिनल मुक़र्रबीन 89. फ़ रौहु व रैहानु व जन्नतु नईम 90. व अम्मा इन कान मिन अस्हाबिल यमीन 91. फ़ सलामुल लका मिन अस्हाबिल यमीन 92. व अम्मा इन कान मिनल मुकज्ज़िबीनज़ जालीन 93. फ नुज़ुलुम मिन हमीम 94. व तस्लियतु जहीम 95. इन्ना हाज़ा लहु हक्कुल यक़ीन 96. फ़ सब्बिह बिस्मि रब्बिकल अज़ीम
Surah Waqiah in Roman English
Bismillaahir Rahmaanir Raheem
1. Izaa waqa’atil waaqi’ah 2. Laisa liwaq’atihaa kaazibah 3. Khafidatur raafi’ah 4. Izaa rujjatil ardu rajjaa 5. Wa bussatil jibaalu bassaa 6. Fakaanat habaaa’am mumbassaa 7. Wa kuntum azwaajan salaasah 8. Fa as haabul maimanati maaa as haabul maimanah 9. Wa as haabul mash’amati maaa as haabul mash’amah 10. Wassaabiqoonas saabiqoon 11. Ulaaa’ikal muqarraboon 12. Fee Jannaatin Na’eem 13. Sullatum minal awwaleen 14. Wa qaleelum minal aa khireen 15. ‘Alaa sururim mawdoonah 16. Muttaki’eena ‘alaihaa mutaqabileen 17. Yatoofu ‘alaihim wildaa num mukhalladoon 18. Bi akwaabinw wa abaareeq, wa kaasim mim ma’een 19. Laa yusadda’oona ‘anhaa wa laa yunzifoon 20. Wa faakihatim mimmaa yatakhaiyaroon 21. Wa lahmi tairim mimmaa yashtahoon 22. Wa hoorun’een 23. Ka amsaalil lu’lu’il maknoon 24. Jazaaa’am bimaa kaanoo ya’maloon 25. Laa yasma’oona feehaa laghwanw wa laa taaseemaa 26. Illaa qeelan salaaman salaamaa 27. Wa as haabul yameeni maaa as haabul Yameen 28. Fee sidrim makhdood 29. Wa talhim mandood 30. Wa zillim mamdood 31. Wa maaa’im maskoob 32. Wa faakihatin kaseerah 33. Laa maqtoo’atinw wa laa mamnoo’ah 34. Wa furushim marfoo’ah 35. Innaaa anshaanaahunna inshaaa’aa 36. Faja’alnaahunna abkaaraa 37. ‘Uruban atraabaa 38. Li as haabil yameen 39. Sullatum minal awwa leen 40. Wa sullatum minal aakhireen 41. Wa as haabush shimaali maaa as haabush shimaal 42. Fee samoominw wa hameem 43. Wa zillim miny yahmoom 44. Laa baaridinw wa laa kareem 45. Innahum kaanoo qabla zaalika mutrafeen 46. Wa kaanoo yusirroona ‘alal hinsil ‘azeem 47. Wa kaanoo yaqooloona a’izaa mitnaa wa kunnaa turaabanw wa izaaman’ainnaa lamab’oosoon 48. Awa aabaaa’unal awwaloon 49. Qul innal awwaleena wal aakhireen 50. Lamajmoo’oona ilaa meeqaati yawmim ma’loom 51. summa innakum ayyuhad daaalloonal mukazziboon 52. La aakiloona min shaja rim min zaqqoom 53. Famaali’oona minhal butoon 54. Fashaariboona ‘alaihi minal hameem 55. Fashaariboona shurbal heem 56. Haazaa nuzuluhum yawmad deen 57. Nahnu khalaqnaakum falaw laa tusaddiqoon 58. Afara’aytum maa tumnoon 59. ‘A-antum takhluqoo nahooo am nahnul khaaliqoon 60. Nahnu qaddarnaa baina kumul mawta wa maa nahnu bimasbooqeen 61. ‘Alaaa an nubaddila amsaalakum wa nunshi’akum fee maa laa ta’lamoon 62. Wa laqad ‘alimtumun nash atal oolaa falaw laa tazakkaroon 63. Afara’aytum maa tahrusoon 64. ‘A-antum tazra’oonahooo am nahnuz zaari’ooon 65. Law nashaaa’u laja’al naahu hutaaman fazaltum tafakkahoon 66. Innaa lamughramoon 67. Bal nahnu mahroomoon 68. Afara’aytumul maaa’allazee tashraboon 69. ‘A-antum anzaltumoohu minal muzni am nahnul munziloon 70. Law nashaaa’u ja’alnaahu ujaajan falaw laa tashkuroon 71. Afara’aytumun naaral latee tooroon 72. ‘A-antum anshaatum shajaratahaaa am nahnul munshi’oon 73. Nahnu ja’alnaahaa tazkira tanw wa mataa’al lilmuqween 74. Fasabbih bismi Rabbikal ‘azeem 75. Falaa uqsimu bimaawaa qi’innujoom 76. Wa innahoo laqasamul lawta’lamoona’azeem 77. Innahoo la quraanun kareem 78. Fee kitaabim maknoon 79. Laa yamassuhooo illal mutahharoon 80. Tanzeelum mir Rabbil’aalameen 81. Afabihaazal hadeesi antum mudhinoon 82. Wa taj’aloona rizqakum annakum tukazziboon 83. Falaw laaa izaa balaghatil hulqoom 84. Wa antum heena’izin tanzuroon 85. Wa nahnu aqrabu ilaihi minkum wa laakil laa tubsiroon 86. Falaw laaa in kuntum ghaira madeeneen 87. Tarji’oonahaaa in kuntum saadiqeen 88. Fa ammaaa in kaana minal muqarrabeen 89. Farawhunw wa raihaa nunw wa jannatu na’eem 90. Wa ammaaa in kaana min as haabil yameen 91. Fasalaamul laka min as haabil yameen 92. Wa ammaaa in kaana minal mukazzibeenad daaalleen 93. Fanuzulum min hameem 94. Wa tasliyatu jaheem 95. Inna haaza lahuwa haqqul yaqeen 96. Fasabbih bismi rabbikal ‘azeem
सूरह वाक़िया के फायदे – क़ुरान और इस्लामी किताबों के हवालों के साथ
- 1. रोज़ी की बरकत
- हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद (र.अ) से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (स.अ.व) ने फरमाया:
- “जो शख्स हर रात सूरह वाक़िया की तिलावत करेगा, उसे कभी फाक़े (भूख) का सामना नहीं करना पड़ेगा।” (इब्न कसीर)
- इस हदीस से पता चलता है कि सूरह वाक़िया की तिलावत करने से अल्लाह तआला रोज़ी में बरकत अता फरमाते हैं और इंसान को तंगी से महफूज़ रखते हैं।
- हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद (र.अ) से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (स.अ.व) ने फरमाया:
- 2. आख़िरत में नेक अंजाम
- सूरह वाक़िया की आयतें आख़िरत के हालात और हिसाब-किताब का तज़्किरा करती हैं। जो शख्स इस सूरह की तिलावत करेगा, उसे अल्लाह तआला आख़िरत में नेक अंजाम अता फरमाएंगे। ये सूरह इन्सान को उसकी ज़िन्दगी का असल मकसद याद दिलाती है और क़यामत के दिन की हक़ीकत बयान करती है।
- 3. ग़रीबी से हिफ़ाज़त
- हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद (र.अ) की एक और रिवायत में आता है:
- “रसूलुल्लाह (स.अ.व) ने मुझे वसीयत की कि मैं अपनी बेटियों को सूरह वाक़िया की तालीम दूं ताकि वो ग़रीबी से महफूज़ रहें।” (शुअबुल ईमान, अल-बैहाक़ी)
- यहां से साबित होता है कि सूरह वाक़िया की तिलावत और इसे सिखाने से ग़रीबी और मुसीबतों से नजात मिलती है।
- हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद (र.अ) की एक और रिवायत में आता है:
- 4. हिसाब में आसानी
- इस सूरह में बताया गया है कि अल्लाह तआला नेक और बुरे अमल वालों के हिसाब में फ़र्क़ करेंगे। इस सूरह की तिलावत करने से हिसाब-किताब में आसानी और अल्लाह की रहमत नसीब होती है। अल्लाह तआला इस सूरह के पढ़ने वालों को आख़िरत में राहत अता फरमाएंगे।
- 5. जन्नत के दाखिले की दुआ
- सूरह वाक़िया में अल्लाह तआला ने जन्नतियों का ज़िक्र किया है और उनके लिए अल्लाह की अता की हुई नेमतों का बयान किया है। जो शख्स इसे तिलावत करता है, अल्लाह तआला उसे जन्नत में दाखिल फरमाने की दुआ अता करते हैं।
सूरह वाक़िया एक अहम सूरह है, जिसमें क़यामत और इंसान के अंजाम के बारे में तफसील से बताया गया है। यह सूरह इंसान को उसकी असल हकीकत से रूबरू कराती है और उसे आख़िरत की तैयारी करने की तालीम देती है। जो शख्स इस सूरह की तिलावत करता है, उसे दुनियावी और आख़िरवी दोनों फ़ायदों का वादा किया गया है।
मेरे प्यारे इस्लामी भाई बहनो, आज हमने सूरह वाक़िया (Surah Waqiah) तर्जुमे के साथ सीखा, अगर आपको ये पोस्ट से कुछ सिखने को मिला है, तो आप इससे दूसरों को शेयर कर सवाब के हकदार बने.