Panchwa Kalma Istighfar(5th Kalma): In Hindi,Arabic, English with Tarjuma.बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम, अस्सलामुअलैकुम वारहमतुल्लाहि वबरकातुह, मेरे प्यारे इस्लामी भाइयों और बहनों. यह इस्लाम का पांचवा कलमा है जिसे इस्तिग़फ़ार कहा जाता है। इंशाअल्लाह आज हम पांचवा कलमा तर्जुमा के साथ सीखेंगे और अल्लाह से दुआ करते हैं, हमें इसको याद करने की और समझने की तौफीक आता करे।
Panchwa Kalma(5th Kalma) in Arabic
اَسْتَغْفِرُ اللهِ رَبِّىْ مِنْ كُلِِّ ذَنْۢبٍ اَذْنَبْتُهٗ عَمَدًا اَوْ خَطَا ًٔ سِرًّا اَوْ عَلَانِيَةً وَّاَتُوْبُ اِلَيْهِ مِنَ الذَّنْۢبِ الَّذِیْٓ اَعْلَمُ وَ مِنَ الذَّنْۢبِ الَّذِىْ لَآ اَعْلَمُ اِنَّكَ اَنْتَ عَلَّامُ الْغُيُوْبِ وَ سَتَّارُ الْعُيُوْبِ و َغَفَّارُ الذُّنُوْبِ وَ لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ اِلَّا بِاللهِ الْعَلِىِِّ الْعَظِيْمِؕ
Panchwa Kalma(5th Kalma) in Hindi
अस्तग़फिरुल्लाहा रब्बी मिन कुल्ली ज़म्बिन अज्नब्तुहू अमदन अव खता अन सिर्रन अव अलानियतन व अतूबू इलैह मिनज़ ज़म्बिल लज़ी आलमु व मिनज़ ज़म्बिल लज़ी ला आलमु इन्नका अंता अल्लामुल गूयूबी व सत्तारिल उयूबी व गफ्फारिज़ ज़ुनूबी वला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यिल अज़ीम
Panchwa Kalma(5th Kalma) in Roman English Transliteration
Astagfirullaha Rabbi Min Kulli Zambin Aznabtuhu Amadan Aw Khtaa An Sirran Aw Alaniyatan Wa Atoobu Ilaihi Minaz Zambil Lazi Alamu Wa Minaz Zambil Lazi La Alamu Innaka Anta Allamul Guyoobi Wa Sattaril Uyoobi Wa Gaffariz Zunoobi Wala Hawla Wala Quwwata Illa Billahil Aliyyil Azeem.
Panchwa Kalma(5th Kalma) with Tarjuma in Hindi
मै अपने परवरदिगार (अल्लाह) से अपने तमाम गुनाहो की माफ़ी मांगता हुँ जो मैंने जान-बूझकर किये या भूल-चूक मे किये, छिप कर किये या खुल्लम-खुल्ला किये और तौबा करता हूँ मैं उस गुनाह से, जो मैं जनता हूँ और उस गुनाह से भी जो मैं नहीं जानता. या अल्लाह बेशक़ तू गैब कि बाते जानने वाला है और ऐबों को छिपाने वाला है और गुनाहो को बख्शने वाला है | (हम मे) गुनाहो से बचने और नेकी करने की ताक़त नहीं अल्लाह के बगैर जो के बोहोत बुलंदी वाला है।
Panchwa Kalma in English
I ask for forgiveness from my Lord (Allah) for all my sins which I have committed knowingly or by mistake, whether I have committed secretly or openly and I repent from the sins that I know of and the sins that I have committed. Even from a crime I don’t know. O Allah, you are surely the Knower of the hidden, the Hider of the faults, and the Forgiver of sins. (We) have no power to avoid sin or do good without Allah, the Exalted.
मेरे प्यारे इस्लामी भाई बहनो, आज हमने पांचवा कलमा तर्जुमे के साथ सीखा, अगर आपको ये पोस्ट से कुछ सिखने को मिला है, तो आप इससे दूसरों को शेयर कर सवाब के हकदार बने.
6th kalma भी Upload kijiye jazakallah